यह पोस्ट Essay On Spring Season In Hindi वसंत ऋतु पर निबंध (Basant Ritu Essay) और उसका महत्व पर आधारित है। वसंत ऋतु का मौसम सुहावना होता है। मार्च में शुरू होकर मई माह के अंत तक रहती है। भारतवर्ष में कुल 6 ऋतुएं मानी जाती है। बसंत ऋतु का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है। इस मौसम के दौरान ही स्कूली बच्चों का शैक्षणिक भृमण होता है। आप भी स्कूल के दौरान वसंत ऋतु में घूमने गये होंगे। तो आइए दोस्तों, बसंत ऋतु पर निबंध (Spring Season Essay In Hindi) और जानकारी लेने का प्रयास करते है।
वसंत ऋतु पर निबंध Essay On Spring Season In Hindi
बसंत (Spring Season) को ऋतुराज भी कहा जाता है। इस ऋतु में हल्की सर्दी और गर्मी होती है, यही कारण है कि वसंत को ऋतुओं का राजा भी कहते है। पतझड के मौसम के बाद बसंत ऋतु आती है। बसंत एक आन्नदमय ऋतु है जो पिकनिक मनाने के नजरिये से श्रेस्ठ है। भारत में वसंत ऋतु का आगमन मार्च माह में होता है जबकि मई माह तक बसंत ऋतु रहती है। यह ऋतु सर्दियों के बाद आती है। वसंत के बाद भीषण ग्रीष्म ऋतु का आगमन होता है। हिन्दू कैलेंडर के मुताबिक वसंत ऋतु का आगमन माघ मास की शुक्ल पंचमी को होता है। हिन्दू नववर्ष का आरंभ और अंत वसंत ऋतु में ही होता है।
वसंत ऋतु की शुरुआत में वातावरण से ठंड कम होना शुरू हो जाती है। इस मौसम में ना तो ज्यादा सर्दी होती है और ना ही गर्मी। इस ऋतु के अंत के मई माह में सूरज देवता का प्रकोप तेज हो जाता है। तेज धूप और चिलचिलाती गर्मी की शुरुआत इसी माह से होती है। वसंत पंचमी का त्योहार हिन्दू धर्म के लोग इसी ऋतु के आगमन की खुशी में मनाते है।
पौराणिक मान्यता के अनुसार विधा की देवी सरस्वती का जन्म वसंत में ही हुआ था। इसलिए देवी सरस्वती का पूजन वसंत पंचमी के दिन विशेष तौर पर किया जाता है। एक और हिन्दू मान्यता के अनुसार बसंत को सौंदर्य के देवता कामदेव का पुत्र माना गया है। इस दिन पीले व्यंजन बनाने और पीले कपड़े पहनने का रिवाज भी है।
बसंत का मौसम का महत्व Basant Ritu Essay In Hindi
Essay On Spring Season In Hindi – भारत के कई हिस्सों में बसंत पंचमी के त्योहार पर पतंग उड़ाने की परंपरा भी है। हिन्दू धर्म का प्रमुख त्योहार होली भी बसंत ऋतु की शुरुआत में आता है। रंगों का यह त्योहार चारों तरफ खुशियों के रंग भर देता है। भगवान शिव की उपासना का त्योहार शिवरात्रि इसी ऋतु में आता है। उल्लास और उमंग की वसंत ऋतु एक पर्व की भांति है।
वसंत ऋतु (Spring Season) में रजाई को समेटकर बक्से में रख दिया जाता है। रात को कपकपाती ठंड से लोगों को निजात मिलती है। मोटे ऊनी वस्त्रों को उतारकर हल्के कपड़े पहने जाते है। सर्दियों में निष्क्रिय जीव वसंत आते ही सक्रिय हो जाते है। मनुष्य भी सर्दी के आगोश से निकलकर पृथ्वी के मनोरम दृश्य का आनन्द लेता है। सुबह और शाम को हल्की हल्की ठंडी हवाएं चलने लग जाती है। इसी ऋतु के दौरान लोग घूमने के लिए बाहर जाते है। पिकनिक मनाने के लिए वसंत ऋतु श्रेस्ठ है। विद्यार्थियों को स्कूल की और से शैक्षणिक भृमण भी इसी ऋतू में प्राप्त होता है।
वसंत ऋतु में प्रकृति अपना निराला और मनमोहक रूप दिखाती है। इस ऋतु में प्रकृति का सौंदर्य चरम सीमा पर होता है। बसंत में चारों और हरियाली की छटा बिखर जाती है। पेड़ पौधों पर खिलने वाले सुंदर पुष्प अपने रंगों और खुशबू से वातावरण को महका देते है। प्रकृति का स्वरूप आकर्षक और मनोरम हो जाता है। घास के मैदानो में हरियाली दिखाई पड़ती है।
बसंत ऋतु पर निबंध Basant Ritu Par Nibandh Hindi Mein
Essay On Spring Season In Hindi – पतझड़ के मौसम में पेड़ों से पत्ते टूटते है लेकिन वसंत ऋतु (Basant Ritu) में पेड़ पौधों पर नई कोपलें फूटती है। पेडों पर नये पत्ते आना शुरू हो जाते है। पक्षियों के मधुर स्वर सुनाई देना आम हो जाता है। कोयल की कू कू करती मधुर आवाज हो या गौरैया चिड़िया की ची ची करती स्वर ध्वनि हो, पक्षियों का कलरव मन मोह लेता है। तालाबों में खिला हुआ कमल पुष्प प्रकृति की सुंदरता में चार चांद लगा देता है। तितली फूलों का रसपान करती है।
खेतों में लहराती हुई फसलें पकने का समय वसंत में ही होता है। सरसों के पौधे पर पीले रंग के फूल भी वसंत आने का शुभारंभ है। किसान इसी ऋतु के दौरान फसलों को काटते है। वसंत ऋतु नई ऊर्जा के साथ प्रकृति की सुंदरता का उत्सव है। वसंत ऋतु को प्रकृति का श्रंगार भी कहते है।
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