इस पोस्ट DNA Ki Khoj Kisne Ki में डीएनए संरचना (DNA Structure In Hindi) और डीएनए की खोज के बारे में जानने का प्रयास करेंगे। जीवों में आनुवंशिक दृष्टि से डीएनए महत्वपूर्ण होता है। यह मनुष्य की आने वाली पीढ़ियों में गुणों को निश्चित करता है। डीएनए की खोज एक क्रांतिकारी खोज थी जिसने आनुवंशिकी में क्रांति लाने का कार्य किया था। तो आइए दोस्तो, डीएनए की संरचना, DNA Full Form और इसकी खोज के बारे में बात करते है।
डीएनए की खोज किसने की DNA Ki Khoj Kisne Ki
DNA Ki Khoj Kisne Ki – डीएनए की खोज वर्ष 1869 में जोहान फ्रेडरिक मॉइस्चर ने की थी। लेकिन इस एसिड की आण्विक पहचान का श्रेय जेम्स वाटसन और फ्रांसिस क्रीक को जाता है। फ्रेडरिक ने इस प्रदार्थ का नाम न्यूक्लिन रखा था। यह एक महान खोज थी लेकिन वो डीएनए को परिभाषित नही कर पाए थे। इस प्रदार्थ का नाम “DNA” वर्ष 1881 में अल्ब्रेच कॉसेल नामक वैज्ञानिक ने रखा था। DNA को कॉसेल ने 5 भागो एडेनिन, साइटोसिन, ग्वानिन, थाइमिन, यूरेसिल में बांटा था। उनको इस कार्य के लिए वर्ष 1910 में रसायन का नोबेल पुरस्कार भी मिला था।
दोस्तों, डीएनए की आण्विक संरचना को जेम्स वाटसन और फ्रांसिस क्रीक ने बताया था। वर्ष 1952 का नोबेल पुरस्कार उनको ही मिला था।
डीएनए का पूरा नाम DNA Full Form In Hindi
जानकारी के लिए बता दे की डीएनए का पूरा नाम (DNA Full Form In Hindi) “डीऑक्सीराइबोज न्यूक्लिक एसिड” (Deoxyribonucleic Acid) है। पृथ्वी पर मौजूद हर जीवित कोशिका में डीएनए पाया जाता है। यह कोशिका के केन्द्रक, माइटोकॉन्ड्रिया और हरित लवक में होता है। इस प्रदार्थ के बारे में आपने जरूर सुना होगा और स्कूल की किताबों में पढ़ा भी होगा। जीवों में गुणों का निर्धारण डीएनए करता है। डीएनए को प्राणियों का जेनेटिक कोड भी कह सकते है। DNA की खोज के पीछे किस महान वैज्ञानिक का हाथ है, तो चलिए जानने का प्रयास करते है।
डीएनए की संरचना DNA Structure In Hindi
DNA की संरचना घुमावदार सीढ़ी की तरह होती है। DNA का मॉडल वाटसन क्रीक मॉडल भी कहलाता है। यह अणु न्यूक्लिटाइड से बना होता है। इसकी संरचना बहुलक होती है। DNA हमारे गुणसूत्रों में होते है। डीएनए को चार भागों में बांट सकते है।
- एडेनिन (A)
- ग्वानिन (G)
- थाइमिन (T)
- साइटोसिन (S)
इन्हें नाइट्रोजन क्षार भी कहते है। ये प्यूरिन क्षार और पाईरिमिडीन क्षार दो प्रकार के होते है। प्यूरिन क्षार में एडेनिन और ग्वानिन होते है जबकि पाईरिमिडीन में थाइमिन, साइटोसिन और यूरेसिल होते है। पेंटोज शर्करा के साथ मिलकर नाइट्रोजन क्षार DNA का निर्माण करते है। इन्हें डीएनए अनुक्रम भी कहते है।
डीएनए की संरचना को डबल हेलिक्स कहते है क्योंकि यह दो कुंडलियों से मिलकर बनता है। DNA में फास्फेट अणु, नाइट्रोजन अणु, शुगर अणु होते है। फास्फेट अणु और पेंटोज शकर्रा अणु के कारण DNA की सीढ़ीनुमा संरचना बनती है। DNA को न्यूक्लिक अम्ल कहते है। इंसानों में दो प्रकार के न्यूक्लिक अम्ल पाये जाते है। दूसरे प्रकार का न्यूक्लिक अम्ल RNA (राइबोज न्यूक्लिक अम्ल) होता है।
DNA प्रत्येक जीवित कोशिका में पाया जाता है। कोशिका के अंदर यह 0.09 माइक्रोमीटर की जगह लेता है लेकिन डीएनए को फैलाने पर इसकी लम्बाई 1.8 मीटर होती है। वर्तमान समय में डीएनए परीक्षण भी किया जाता है। इसके लिए बाल, नाखून, खून के सैंपल लिए जाते है।
मानव डीएनए की जानकारी DNA Ki Khoj In Hindi
डीएनए अपनी प्रतिकृति भी बनाता है। इसके पीछे का कारण कोशिका विभाजन है। कोशिका विभाजन के बाद दो कोशिकाएं बनती है। इसलिए डीएनए भी दो होने चाहिए। डीएनए जीवों का पूरा डेटा स्टोर रखता है ठीक कंप्यूटर की तरह। आनुवंशिक जानकारी को यह स्टोर करता है। यह जानकारी माता पिता से उनके बच्चों में स्थान्तरित होती है।
DNA के कारण ही किसी भी जीव की आने वाली पीढ़ियों में पिछली पीढ़ी के गुण होते है। हमारे नाक नक्श, चेहरा, रंग इत्यादि का निर्धारण डीएनए करता है। माता या पिता से हमे कुछ आदते, हावभाव, बीमारियां आनुवंशीक रूप से मिलती है।
DNA ने अपराधियों की पहचान में भी मुख्य भूमिका निभाई है। DNA फिंगरप्रिंट तकनीक आजकल बहुत उपयोग में ली जाती है। डीएनए टेस्ट से बच्चे के पिता का पता लगाया जा सकता है। हम आशा करते है कि डीएनए की संरचना और डीएनए की खोज पर यह पोस्ट पसंद आयी होगी।
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