इस पोस्ट What Is Force In Hindi में बल क्या है (Force Kya Hai) और बल के प्रकार (Types Of Force In Hindi) पर चर्चा करेंगे। बल सम्पूर्ण ब्रह्मांड में व्याप्त है। बल को अंग्रेजी में फ़ोर्स कहते है। बल से किसी भी पिंड या वस्तु की स्थिति में परिवर्तन लाया जा सकता है। बल के बारे में जानकारी पर इस आर्टिकल में बताने का प्रयास है।
बल क्या है व परिभाषा What Is Force In Hindi
किसी भी वस्तु या पिंड को धक्का देना, खींचना या आकर्षित करना बल (Force) कहलाता है। किसी भी पिंड या वस्तु के वेग में परिवर्तन के लिए बल जिम्मेदार होता है। बल को सदिश राशि भी कहते है। बल के द्वारा किसी स्थिर वस्तु को गतिशील या गतिशील वस्तु को स्थिर किया जा सकता है। गैलिलियो ने बताया था कि जब तक किसी भी वस्तु पर बल नही लगता है तब तक वस्तु गतिमान रहती है।
न्यूटन ने बल के बारे में बताया था। न्यूटन के नियम वस्तु पर लगने वाले बल और गति को परिभाषित करते है। न्यूटन के अनुसार अगर कोई पिंड स्थिर या गतिशील अवस्था में है तो वो तब तक उसी अवस्था में रहता है जब तक उस पिंड पर कोई बाह्य बल नही लगता है।
उदाहरण के तौर पर एक स्थिर कार है जिसे धक्का देते है। इस धक्के के कारण कार धक्के की दिशा में गति करती है। जब कार स्थिर है, तब उस पर संतुलित बल है जो विपरीत दिशा में लगते है। धक्का एक बल है जो कार को गति देता है। इस बल का मान विपरीत दिशा पर लग रहे बल से ज्यादा होना चाहिए, तभी कार गति करती है।
बल (Force) का SI मात्रक न्यूटन होता है। इसको N से डेनोट करते है। बल का मान वस्तु या पिंड द्रव्यमान पर निर्भर करता है। वस्तु का द्रव्यमान जितना अधिक होगा, उतना ही बल की आवश्यकता होती है। बल की दिशा और परिमाण दोनों होते है। बल के कारण ही किसी भी पिंड के अणु आपस में मिले होते है।
बल का सूत्र –
F = M×A
F – फ़ोर्स या बल (बल न्यूटन N में)
M – मास या द्रव्यमान (द्रव्यमान Kg में),
A – त्वरण (त्वरण m/s^2)
बल के प्रकार Types Of Force In Hindi –
एक पिंड और उस पर लगने वाले बल के अनुसार फ़ोर्स मुख्यतः दो प्रकार के होते है।
1. सम्पर्क बल (Contact Force) – जब कोई बल वस्तु या पिंड के सम्पर्क में होता है, तो वह बल Contact Force कहलाता है। सभी यांत्रिक बल इसी श्रेणी के अंतर्गत आते है।
सम्पर्क बल के उदाहरण –
- घर्षण बल (Friction Force) – जब कोई वस्तु गति में होती है तो उसकी दिशा के विपरीत दिशा में एक विरोधी बल कार्य करता है जो उसे गतिशील होने से रोकता है। इस विरोधी बल को घर्षण बल कहते है। यह बल दो पिंडो या वस्तुओं के मध्य कार्य करता है।
- इसके अलावा सम्पर्क बल में हाथ या पैर की मदद से लगने वाला फ़ोर्स भी आता है। जैसे हाथों की सहायता से कार को धक्का देना पेशीय बल कहलाता है। बैल खेतों में हल खींचते है, यह भी पेशीय बल होता है।
Force In Hindi बल के बारे में जानकारी –
2. असम्पर्क बल (Non Contact Force) – जब कोई वस्तु या पिंड एक दूसरे के सम्पर्क में नही होते है तब उन पर असम्पर्क बल कार्य करता है। दो पिंडो के मध्य यह फ़ोर्स लगता है। यह बल जिस क्षेत्र में कार्य करता है उसे बल क्षेत्र कहते है। असम्पर्क बल के उदाहरण –
- चुंबकीय बल (Magnetic Force) – चुम्बक के विपरीत ध्रुवों के मध्य आकर्षण ही मैग्नेटिक फ़ोर्स कहलाता है।
- गुरुत्वाकर्षण बल (Gravitational Force) – ब्रह्मांड में प्रत्येक पिंड एक दूसरे को अपनी और खींचता है, इस आकर्षण बल को ही ग्रेविटी कहते है। इसी बल के कारण पृथ्वी सूर्य के चक्कर लगाती है। अधिक जानकारी के लिए यह पोस्ट पढ़े – गुरुत्वाकर्षण बल क्या है
- स्थिर वैद्युत बल (Electrostatic Force) – एक आवेश वाली वस्तु या पिंड जब किसी दूसरे आवेश वाले पिंड या वस्तु से आकर्षित होती है, तब यह बल कार्य करता है। दोनों पिंडो में से एक पिंड पर आवेश होना जरूरी है।
बल क्या है Force Kya Hai –
संपर्क या असम्पर्क बल के अलावा बल (Force) को दो और प्रकार से विभाजित कर सकते है।
1. संतुलित बल (Balanced Force) – यह बल किसी भी पिंड या वस्तु पर विपरीत दिशाओं में बराबर या समान रूप से लगता है। इस बल के कारण पिंड स्थिर होता है।
2. असंतुलित बल (Unbalanced Force) – यह बल किसी भी पिंड पर विपरीत दिशाओं में असमान कार्य करता है। जिस दिशा में बल की मात्रा ज्यादा होगी, पिंड की गति उसी दिशा में होती है।
Note – इस पोस्ट What Is Force In Hindi में बल क्या है ((Force Kya Hai)) और बल के प्रकार (Types Of Force In Hindi) पर जानकारी आपको कैसी लगी। यह पोस्ट “Force In Hindi” पसंद आयी हो तो इसे शेयर भी करे।