गुरुत्वाकर्षण बल की खोज सर आइजेक न्यूटन ने की थी। गुरुत्व बल पूरे ब्रह्मांड को बांधे हुए है। भौतिकी में इस बल का काफी अध्ययन किया जाता है। यह आर्टिकल What Is Gravity In Hindi गुरुत्वाकर्षण बल क्या है और इसकी खोज की जानकारी पर है। गुरुत्वाकर्षण बल को अंग्रेजी में “Gravity” भी कहते है। ग्रैविटी के कारण ही पृथ्वी पर जीवन सम्भव है। तो चलिए दोस्तों, गुरुत्वाकर्षण बल “Gravitational Force In Hindi” के बारे में जानने का प्रयास करते है।
गुरुत्वाकर्षण बल क्या है What Is Gravity In Hindi
गुरुत्वाकर्षण बल (Gravitational Force) क्या है और यह कैसे कार्य करता है। इस प्रश्न का उत्तर एक उदाहरण से जानने का प्रयास करते है। मान लीजिए कि आपने एक पत्थर आसमान की तरफ उछाला है। यह पत्थर वापस धरती की और आता है।
अब एक विचार यह आता है कि पत्थर धरती पर वापस क्यों आया? पृथ्वी पर ऐसा कोई बल है जो पत्थर को वापस खींच रहा है। इस बल को गुरुत्वाकर्षण बल (Gravity) कहते है। गुरुत्वाकर्षण बल के कारण ही पृथ्वी की हर चीज धरा पर टिकी हुई है। अगर गुरुत्वाकर्षण बल नही होता तो पृथ्वी पर जीवन संभव नही होता।
गुरुत्वाकर्षण बल की खोज Discovery Of Gravitational Force In Hindi
गुरुत्वाकर्षण बल (Gravity) की खोज आइजेक न्यूटन ने की थी। एक बार न्यूटन सेब के पेड़ के नीचे बैठे थे। तभी अचानक से एक सेब का फल उनके सामने आकर गिरता है। वैसे तो यह एक सामान्य क्रिया है कि फल नीचे ही गिरेगा, आसमान में तो जायेगा नही। लेकिन न्यूटन के मन में एक विचार कौंधा की फल धरती पर ही क्यों आया? ऐसा कोनसा बल है जो सेब को धरती की और खींच रहा है।
इसके बाद न्यूटन ने कई वर्षों तक गहन अध्ययन किया। न्यूटन ने बताया कि गुरुत्वाकर्षण बल (Gravitational Force) द्रव्यमान पर निर्भर करता है। जिस वस्तु का द्रव्यमान ज्यादा होता है, उसका गुरुत्व बल भी ज्यादा होगा। हमारी पृथ्वी की ग्रेविटी उस पत्थर या सेब से ज्यादा है, इसलिए वो वापस धरती पर आते है।
गुरुत्वाकर्षण बल का प्रभाव दूरी बढ़ने के साथ घटता है। पृथ्वी से दूर जाने पर गुरुत्वाकर्षण बल का प्रभाव कम हो जाता है। इसलिए अंतरिक्ष यात्री स्पेस में जाने पर भारहीनता महसूस करते है। अंतरिक्ष में Gravitational Force शून्य होता है। धरती के जितना नजदीक जाएंगे उतना ही गुरुत्वाकर्षण बल बढ़ता जाता है।
न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण नियम Gravity Law Of Newton In Hindi
न्यूटन के अनुसार ब्रह्मांड के सभी पिंड एक दूसरे को आकर्षित करते है। दो पिंडो के बीच लगने वाले आकर्षण बल को ही गुरुत्वाकर्षण बल (Gravity) कहते है।
दो पिंडो के मध्य लगने वाले गुरुत्व बल का मान पिंडो के द्रव्यमान (Mass) और उनके बीच की दूरी (r) पर निर्भर करता है। किन्ही दो पिंडो के मध्य लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल पिंडो के गुणनफल के समानुपातिक होता है। दोनों पिंडो के मध्य दूरी के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
गुरुत्वाकर्षण बल का सूत्र
F = gm1m2/ r^2
F = गुरुत्वाकर्षण बल
m1और m2पिंडो का द्रव्यमान है।
r = दोनों पिंडो के मध्य दूरी
g = इसको नियतांक कहते है। इसका मान 6.67×10^- 11 m^3 kg-1 s-2 होता है।
गुरुत्वाकर्षण बल के बारे में जानकारी Gravity Information In Hindi
गुरुत्वीय बल (Gravity) के बारे में सबसे पहले गैलीलियो गैलिली ने बताया था। गैलिलियो ने दो असमान भार के पिंडो को एक टॉवर से नीचे गिराकर प्रयोग किया था। इस प्रयोग में दोनों पिंड एक ही समय में धरती पर गिरते है। गैलिलियो ने इसका कारण गुरुत्वीय त्वरण को बताया था। प्रत्येक वस्तु के लिए पृथ्वी का गुरुत्वीय त्वरण समान रहता है।
इसके बाद न्यूटन ने गुरुत्वाकर्षण बल की खोज की थी। अल्बर्ट आइंस्टीन ने भी गुरुत्वाकर्षण बल के बारे में और अधिक विस्तार से बताया और इसकी नई परिभाषा दी। उन्होंने जनरल थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी में गुरुत्वाकर्षण को समझाया था। आइंस्टीन ने गुरुत्वाकर्षण को एक बल ना मानकर “Curvature Of Space-Time” माना था।
हमारा भार गुरुत्वाकर्षण (Gravitational Force) के कारण होता है। मान लीजिए कि पृथ्वी पर आपका वजन 100 kg है, तो चन्द्रमा पर केवल 16 kg ही रह जायेगा। क्योंकि चन्द्रमा का गुरुत्व बल पृथ्वी के मुकाबले कम है।
गुरुत्वाकर्षण क्या है – Gravity Kya Hai?
अंतरिक्ष में तमाम ग्रह और तारे गुरुत्व बल के कारण ही आपस में बंधे हुए है। पृथ्वी सूर्य का चक्कर लगा रही है और चन्द्रमा पृथ्वी का चक्कर लगा रहा है। यह सब गुरुत्वाकर्षण बल के कारण ही सम्भव है। सौरमण्डल के तमाम ग्रह सूर्य की परिक्रमा कर रहे है।
धरती पर जल है जो गुरुत्वाकर्षण बल के कारण ही मौजूद है। अगर गुरुत्व बल ना होता तो जल पृथ्वी पर नही होता। चन्द्रमा के गुरुत्वाकर्षण बल के कारण ही समुद्र में ज्वार उत्पन्न होता है।
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Note – गुरुत्वाकर्षण बल क्या है What Is Gravity In Hindi और गुरुत्वाकर्षण की खोज किसने की थी पर यह आर्टिकल “गुरुत्वाकर्षण बल के नियम और खोज” कैसा लगा। यह पोस्ट “Gravitational Force In Hindi” अच्छी लगी हो तो इसे शेयर भी करे।
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