इस लेख Birbal History In Hindi में राजा बीरबल की जीवनी (Biography Of Birbal In Hindi) और इतिहास की कहानी पर Information दी गयी है। बीरबल एक चतुर और हाजिर जवाब इंसान थे। वो अकबर के मुख्य दरबारियों में से एक थे। अकबर के दरबार में 9 विद्वान थे जिन्हें अकबर के नवरत्न की संज्ञा दी गयी है। बीरबल भी इन्ही नवरत्नों में से थे। बीरबल अकबर के मुख्य राजनीतिक सलाहकार थे।
राजा बीरबल की जीवनी – Birbal Biography In Hindi
बीरबल (Birbal) का असली नाम महेश दास था। बादशाह अकबर ने उनकी बुद्धिमत्ता से खुश होकर उनका नाम “वीरवर” रखा था जो बाद में बीरबल हो गया। बीरबल का जन्म कल्पी के एक गांव टिकवनपुर में ब्राहमण परिवार में हुआ था जो आज का उत्तरप्रदेश कहलाता है। वैसे इतिहासकारो में उनके जन्मस्थान को लेकर विवाद भी है। महेश दास (बीरबल) के पिता का नाम गंगा दास था और माता का नाम अनभा दवीतो था।
राजा बीरबल को शुरू से ही कविताएं लिखने का शौक था। वो ब्रज भाषा में कविताएं लिखते थे। अकबर ने उन्हें कवि के रूप में दरबार में नियुक्त किया था लेकिन बीरबल की बुद्धि से प्रभावित होकर अकबर ने उन्हें सलाहकार बना दिया।
राजा बीरबल अकबर के बहुत नजदीक थे। बीरबल साम्राज्य का प्रशाशनिक काम देखते थे। बीरबल सँस्कृत और फ़ारसी भाषा में भी पारंगत थे।
बीरबल का इतिहास और जानकारी – Birbal History In Hindi
अकबर और बीरबल (Birbal) का मिलना कैसे हुआ और वो दरबार की शान कैसे बने, इस पर बात करते है। बीरबल अकबर के यहां काम करने से पहले रीवा नरेश के कार्य करते थे। ऐसा माना जाता है कि रीवा नरेश ने ही अकबर को बीरबल भेंट किया था। इतिहास में ऐसा भी आता है कि बीरबल मुग़ल साम्राज्य की प्रसंशा सुनकर दरबार आया था। अकबर उनकी कविताओं, वाक चतुरता से काफी प्रभावित हुआ और उन्हें दरबार में जगह दी। अकबर और बीरबल के मिलने पर कहानी भी प्रचलित है।
अकबर ने बीरबल से खुश होकर कुछ राज्य भेंट किये थे। इसलिए उनको राजा बीरबल भी कहा जाता है। बीरबल ने फतेहपुर सीकरी में महल भी बनवाया था।
कालांतर में अकबर बीरबल के नाम से कई किस्से और कहानियां गढ़ी गयी। इन कहानियों में बीरबल की चतुराई के किस्से होते है। अकबर के द्वारा चलाये गए दीन ऐ इलाही धर्म को बीरबल ने भी अपनाया था।
बीरबल Birbal ने ब्रजभाषा में कविताएं भी लिखी थी। ये कविताएं उन्होंने “ब्रह्मा” उपनाम से लिखी थी।
राजा बीरबल की जीवन कहानी का अंत (Birbal Story)
Birbal Information In Hindi – बीरबल (Birbal) के बारे में अबू फजल ने “अकबरनामा” में लिखा है। बीरबल दानवीर थे जिसका जिक्र इतिहास में आता है। बीरबल बादशाह अकबर का लतीफे सुनाकर मनोरंजन भी करते थे। इससे दरबार आनंदमय रहता था। बीरबल एक कुशल योद्धा भी थे। अकबर उन्हें कई युद्धों में भेजा करते थे।
अकबर ने बीरबल को वर्ष 1586 के अफगानिस्तान युद्ध में भेजा था। इसी युद्ध में बीरबल की मृत्यु हो गई थी। इतिहास में आता है कि बीरबल की मृत्यु से अकबर बहुत दिन तक दुखी रहा था। इतिहास में बीरबल जैसे बुद्धिमान कम ही मिलते है।
FAQ:-
Q.1 बीरबल का असली नाम क्या था?
Ans. महेश दास
Q.2 बीरबल की मृत्यु कैसे हुई थी?
Ans. वर्ष 1586 के अफगानिस्तान युद्ध में
Q.3 बीरबल कौन था?
Ans. मुग़ल बादशाह अकबर का मुख्य सलाहकार व अकबर के नवरत्नों में से एक
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