इस पोस्ट Akbar Ke Navratna Ke Naam In Hindi में अकबर के नवरत्न के नाम और जानकारी है। बादशाह अकबर अपने शक्तिशाली शासन के लिये इतिहास में दर्ज है। बादशाह अकबर कला और साहित्य प्रेमी था। उसके दरबार मे कला और बुद्धि का सम्मान किया जाता था। वह अपने दरबार में कलाकारों और बुद्धजीवियों को उच्च सम्मान दिया करता था।
बादशाह अकबर के नवरत्न के नाम Akbar Ke Navratna In Hindi
अकबर के दरबार मे कई प्रसिद्ध कलाकार और विद्वान थे। इन महत्वपूर्ण दरबारियों को अकबर के नवरत्न कहा जाता है। नवरत्न से आशय नौ दरबारियो से है जो अपने क्षेत्र के काबिल लोग थे।
अकबर के नवरत्नों में उसके दरबार के 9 योग्य विशेष दरबारी थे। इन दरबारियों में राजा बीरबल, संगीतज्ञ तानसेन, मुल्ला दो प्याजा, अबुल फजल, टोडरमल, अब्दुलरहीम खानखामा, राजा मानसिंह, हाकिम हुमाम, फैजी नामक दरबारी स्थान पाये हुए थे। अकबर महान का दरबार इन प्रतिभाओं से हमेशा सुशोभित रहता था।
बादशाह अकबर के नवरत्नों के नाम क्या है (Akbar Ke Navratna In Hindi) –
1. बीरबल (Birbal)
बीरबल बादशाह अकबर का खास सलाहकार था। बीरबल तीक्ष्ण बुद्धि का मालिक था। बीरबल जन्म से ब्रह्मण था। उनका असली नाम महेश दास था बाद में अकबर ने उसे बीरबल का खिताब दिया था। बीरबल के द्वारा अकबर को दी गयी सलाह इतिहास में दर्ज है। अकबर बीरबल के कई किस्से मशहुर है। बीरबल अकबर का सबसे विश्वासपात्र और प्रिय दरबारी था। वह अकबर के दरबार में न्यायमंत्री था।
2. तानसेन (Tansen)
इतिहास में तानसेन का नाम महान संगीतज्ञ के रूप में दर्ज है। अकबर को तानसेन का संगीत बेहद पसंद था। तानसेन को संगीत में महारत हासिल थी और वो एक बेहतरीन गायक भी थे। तानसेन के समय ही ध्रुपद गायन शैली का विकास हुआ था।
3. मुल्ला दो प्याजा (Mulla Do Piyaja)
मुल्ला दो प्याजा भी मुग़ल दरबार की शोभा बढ़ाते थे। वह अरब देश से बादशाह हुमांयू के समय भारत आया था। उनका असली नाम अब्दुल हसन था। मुल्ला दो प्याजा को पढ़ने लिखने का बहुत शौक था। वह अकबर के शाही पुस्तकालय के अधिकारी थे। अकबर उनसे बहुत प्रभावित था, इसलिये उसे शाही दरबार मे जगह मिली थी। मुल्ला दो प्याजा भी अकबर के सलाहकारो में से एक थे। अब्दुल हसन को मुल्ला दो प्याजा की उपाधि अकबर ने दी थी।
4. अबुल फजल (Abul Fazal)
अबुल फजल को इतिहास में अकबर की जीवनी “अकबरनामा” के लिए जाना जाता है। अबुल फजल ने अकबर के शासनकाल को लिखा था। इसके अलावा आईने अकबरी की रचना भी अबुल फजल ने की थी। वह अकबर के दरबार मे इतिहासकार की हैसियत से था। अबुल फजल ने अकबर के शासनकाल की प्रमुख घटनाओं को क्रमबद्ध किया था।
5. टोडरमल (Todarmal)
राजा टोडरमल को अकबर के दरबार मे वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी थी। टोडरमल शेरशाह सूरी के जमाने से दिल्ली सल्तनत में नौकरी करते आये थे। टोडरमल को जमीन की मापन प्रणाली विकसित करने के लिए जाना जाता है।
6. खान ऐ खाना (Khan I Khana)
खानखाना अकबर बादशाह के खास विश्वासपात्र बैरम खान के बेटे थे। अब्दुलरहीम खान ऐ खाना एक कवि और विद्वान थे। अब्दुल रहीम को खानखाना की उपाधि अकबर ने दी थी।
7. राजा मानसिंह (Raja Man Singh)
राजा मानसिंह राजस्थान के आमेर राज्य के राजपूत राजा थे। वह अकबर की विशाल सेना के प्रधान सेनापति भी थे। मानसिंह ने अकबर के साम्राज्य को फैलाने में मुख्य भूमिका निभाई थी।
8. हाकिम हुमाम (Hakim Humam)
हकीम हुमाम अकबर के दरबार मे सलाहकार की हैसियत रखते थे। वह रसोईघर के प्रभारी भी थे। अकबर के नवरत्नों में से एक हकीम हुमाम बादशाह अकबर का खास था।
9. फैजी (Faizi)
फैजी अकबर के दरबार मे राजकीय कवि की हैसियत रखता था। वह अबुल फजल का बड़ा भाई था। उसकी कविता फ़ारसी भाषा में होती थी। फैजी को अकबर ने अपने पुत्र जहाँगीर की शिक्षा के लिये भी नियुक्त किया था।
मुग़ल बादशाह अकबर के नवरत्न (Akbar Ke Navratna Ke Naam) अपनी खूबियों के कारण प्रसिद्ध थे। आज भी इनको अपनी प्रतिभा के कारण इतिहास में प्रमुख स्थान मिला हुआ है। बीरबल अपनी चतुराई और बुद्धिमत्ता के लिए जाना जाता है। तानसेन अपनी संगीत विधा के लिए फेमस है। अकबर महान के नवरत्नों ने मुग़ल दरबार की शोभा बढ़ाई थी।
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