Essay On Humanity In Hindi निबंध में मानवता और इंसानियत पर निबंध (Manavta Par Nibandh) की चर्चा करेंगे। मानवता मनुष्य होने की पहचान है। मानव में मानवता का स्पर्श रहना जरूरी है। यह एक स्वभाविक चीज है जो हर इंसान में होनी चाहिए। मानवता को इंसानियत या मनुष्यता भी कहते है क्योंकि यह किसी के भी व्यक्तित्व को बताती है।
मानवता दया की पर्यायवाची है। प्रत्येक मनुष्य का कर्म दूसरों के प्रति दया रखना है। इस निबंध में मानवता का महत्व और वैश्विक जरूरत पर चर्चा करेंगे। मानवता पर निबंध “Humanity Essay In Hindi” विषय आज की जरूरत भी है।
मानवता पर निबंध Essay On Humanity In Hindi –
समस्त संसार का एक ही मूलमंत्र होना चाहिए, वो है जीवमात्र पर दया करना। यह दया भाव मनुष्य का मनुष्य के प्रति या मनुष्य का अन्य जीवों के प्रति होती है। जीवमात्र पर दया करना ही मानवता है। पृथ्वी पर मनुष्य सबसे उत्तम और सर्वश्रेष्ठ प्रजाति है। हमारा यह दायित्व है कि हम सभी के प्रति मानवता निभाए। मानवता रखने वाले मनुष्य ही परोपकार करते है।
निस्वार्थ भाव से सेवा भावना रखना मानवता की उच्च कोटि है। संसार में मानव ही एकमात्र जीव है जो सोचने समझने की शक्ति रखता है। मनुष्य ही अपनी भावना को बोलकर व्यक्त कर सकता है। अच्छे और बुरे की पहचान स्वयं के विवेक से मनुष्य कर सकता है। इसलिए मानवता निभाने की जिम्मेदारी इंसान की ही है। मानवता दिखाना सज्जन व्यक्ति की निशानी है।
प्रत्येक कालखंड का इतिहास उठाकर देख लीजिए, मानवता कई बार शर्मसार हुई है। मनुष्य ने लोभ और लालच में आकर मानवता को ताक पर रखा है। वैसे इतिहास में ऐसे भी कई प्रसंग है, जहाँ मनुष्य ने मानवता की कई मिसाले दी है। दुनिया में कई लोग कुकर्मी और अत्याचारी है जो मानवता की भावना नही रखते है। दूसरों का हित करना तो दूर वो लोग दूसरों का अहित करने की सोचते है। आज लोग किसी गरीब का हक मारने में भी संकोच नही करते है।
महात्मा गांधी, नेल्सन मंडेला जैसे महापुरुषों ने दुनिया को मानवता का पाठ पढ़ाया है। गाँधीजी ने सत्य और अहिंसा के बल पर ही अंग्रेजो को देश से भगाया था। बुरा मत देखों, बुरा मत सुनो और बुरा मत कहो, ये विचार मानवता का पर्याय ही है। भगवान बुद्ध, भगवान महावीर स्वामी जैसी महान आत्माओं ने धरती पर जीवमात्र पर दया का उपदेश दिया था।
इंसानियत पर निबंध Manavta Par Nibandh Hindi Mein-
Humanity Essay In Hindi – दुनिया के प्रत्येक मनुष्य के कुछ अधिकार होते है जिन्हें मानवाधिकार कहते है। जीने का अधिकार, समानता, स्वतंत्रता और शिक्षा का अधिकार इत्यादि कई मूलभूत अधिकार है। इन अधिकारों की रक्षा के लिए अंतराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर कई मानवाधिकार संगठन बने हुए है। इनका कार्य विश्व में हर मनुष्य के अधिकारों की रक्षा करना है। चाहे वो मनुष्य किसी भी धर्म का हो या किसी भी रंग का हो, मानवाधिकार सबके लिए है। मानवाधिकार बिना मानवता के अधूरे है। प्रेम और भाईचारे की भावना हर मनुष्य में होनी चाहिए।
वर्तमान में दुनिया के कई हिस्सों में मानव अधिकारों का हनन हो रहा है। बच्चों के अंगों की तस्करी, वेश्यावृत्ति, बाल शोषण, बाल मजदूरी इत्यादि कई प्रकार के अवैध काम मानवता को शर्म से झुकने पर मजबूर करते है। इंसान किसी दूसरे इंसान की हत्या करता है जो एक जानवर समान कृत्य है। वर्तमान में भारत ही नही विश्व के कई देशों में बलात्कार जैसे अपराध होते है। इस तरह के कृत्य मानवता का उल्लंघन करते है।
शांति की स्थापना करके भी मानवता दिखाई जाती है। दुनिया के कई देश युद्ध की चपेट में है। वहां हजारों लोग मारे जा चुके है और लाखों बेघर है। सीरिया, इराक इत्यादि युद्ध ग्रसित देशों से लाखों शरणार्थी दूसरे देशों में विस्थापित हुए है। दुनिया के कई देशों ने मानवता दिखाकर उनको अपने देश में शरण दी है। दुनिया में अमन स्थापित करना भी मानवता को समर्पित है। मानव और पशुओं पर अत्याचार और क़ुरता अमानवीय व्यवहार है। इस तरह का व्यवहार मनुष्य को शोभा नही देता है।
मानवता पर निबंध Humanity Essay In Hindi –
मनुष्य का कर्तव्य बनता है कि वह मानवता का सम्मान करें और समय समय पर मानवता दिखाए। किसी भूखे व्यक्ति को खाना खिलाना या प्यासे को पानी पिलाना मानवता है। सर्दी की कपकपाती ठंड में गरीबो और बेघरों को कंबल देना भी मानवता की श्रेस्ठ कसौटी है। किसी भी प्रकार की दुर्घटना में घायल व्यक्ति की मदद करना भी मनावता की निशानी है।
गर्मियों में पशु पक्षियों के लिए पानी की व्यवस्था करना भी मानवता है। एक इंसान जब बिना लालच के किसी दूसरे इंसान की मदद करता है, तो यह मानवता है। भूकंप और अकाल जैसी विकट परिस्थितियों में कई सामाजिक संगठन निस्वार्थ भाव से कार्य करते है जो मानवता ही है।
क्षमा वीरों को शोभा देती है। कोई आपके साथ बुरा करता है और अगर उसे इस बात का पछतावा है तो मानवता दिखाकर उसे क्षमा करना श्रेस्ठ है। किसी भी गरीब की आर्थिक रूप से मदद करना भी मानवता है। अगर ईश्वर ने आपको धन दिया है तो उसे मानवता की भलाई में खर्च करना चाहिए। दान पुण्य करना मानवता ही है। मानवता इंसान का धर्म है जो ईश्वर का आदेश है।
प्रत्येक वर्ष 19 अगस्त को विश्व मानवता दिवस मनाया जाता है। अगर आप मनुष्य है तो मानवता आपको दिखानी होगी। मनुष्य का धर्म जीव मात्र पर दया करना है। अगर आप किसी को दुख में देखकर दुखी होते है, तो यह भाव ही मानवता है।
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