स्टीफन हॉकिंग की जीवनी Biography Of Stephen Hawking In Hindi

इस पोस्ट Biography Of Stephen Hawking In Hindi में स्टीफन हॉकिंग की जीवनी पर अध्ययन करेंगे। स्टीफन हॉकिंग एक प्रसिद्ध भौतिकशास्त्री और दूरदर्शी थे। हॉकिंग का जीवन किसी प्रेरणा से कम नही है। विज्ञान जगत को स्टीफन हॉकिंग का योगदान अतुलनीय है। तो आइये दोस्तों, स्टीफन हॉकिंग के बारे में जानकारी और विज्ञान के क्षेत्र में उनके योगदान पर प्रकाश डालते है।

Biography Of Stephen Hawking In Hindi

स्टीफन हॉकिंग की जीवनी Biography Of Stephen Hawking In Hindi

स्टीफन हॉकिंग (Stephen Hawking) का जन्म इंग्लैंड में 1942 में ऑक्सफोर्ड शहर में हुआ था। स्टीफन हॉकिंग का पूरा नाम स्टीफन विलियम हॉकिंग था। स्टीफन हॉकिंग के पिता का नाम फ्रेंक हॉकिंग था और वो एक शोधकर्ता थे। हॉकिंग के पिता चिकित्सा के क्षेत्र में शोध करते थे। स्टीफन की माता का नाम इसाबोल था जो चिकित्सा अनुसंधान संस्थान में बतौर सचिव कार्यरत थी।

हॉकिंग की प्रारंभिक पढ़ाई सेंट अलबान के ही एक स्कूल में हुई थी। स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद स्टीफन हॉकिंग ने 17 वर्ष की आयु में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया। यहां पर भौतिक विषय मे अपनी पढ़ाई पूरी की थी।स्टीफन को शुरू से ही गणित विषय मे रुचि थी लेकिन घर वाले चाहते थे कि वो भौतिक पढे। उन्होंने भौतिकी में ग्रेजुएशन पूरी करने के बाद केम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में प्रवेश लिया और अपनी आगे की पढ़ाई पूरी की। केम्ब्रिज में ही स्टीफन हॉकिंग ने यूनिवर्स साइंस में अपना पहला अनुसंधान किया।

स्टीफन हॉकिंग के बारे में जानकारी Stephen Hawking Information In Hindi

साल 1963 का समय था जब स्टीफन हॉकिंग सिर्फ 21 साल के थे। इस समय उन्हें एक लाइलाज बीमारी ने जकड़ लिया। इस बीमारी का नाम अमियोट्रोपिक लेटरल स्क्लेरोसिस था। इस बीमारी में रोगी के अंग एक एक करके कार्य करना बंद कर देते है। इस बीमारी का पता चलने के बाद भी स्टीफन ने हार नही मानी और अपनी पढ़ाई पूरी की। स्टीफन ने अपनी पूरी जिंदगी इसी बीमारी से लड़कर गुजारी।

हॉकिंग के शरीर ने जल्द ही काम करना बंद कर दिया और व्हीलचेयर पर अपनी पूरी जिंदगी गुजारी थी। हॉकिंग के शरीर ने तो कार्य नही किया लेकिन उनका दिमाग उनके मरने तक एक्टिव रहा। वर्ष 1965 को स्टीफन हॉकिंग ने पीएचडी पूरी की जिसका शीषर्क था “प्रॉपर्टीज ऑफ एक्सपैंडिंग यूनिवर्स”।

स्टीफन हॉकिंग की पत्नी का नाम जेन वाइल्ड था जिनसे स्टीफन को तीन बच्चे हुए। जेन को हॉकिंग की इस लाइलाज बीमारी का पता था लेकिन फिर भी जेन ने स्टीफन से शादी की थी। साल 1995 में स्टीफन हॉकिंग ने जेन से तलाक ले लिया। हॉकिंग ने दूसरा विवाह ऐलेन मेसन से किया था जो 2016 तक चला।

स्टीफन हॉकिंग की उपलब्धियां और योगदान

1972 में स्टीफन ने एक पुस्तक लिखी जिसका शीर्षक “द लार्ज स्केल स्ट्रक्चर ऑफ स्पेस टाइम” था। यह पुस्तक स्टीफन ने केम्ब्रिज में रहकर ही लिखी थी। वर्ष 1974 में स्टीफन हॉकिंग को रॉयल सोसाइटी का सदस्य चुना गया था। साल 1979 में स्टीफन हॉकिंग को कैम्ब्रिज में लुकासियन प्रोफेसर के पद पर नियुक किया गया। इस पद पर वर्ष 2006 तक उन्होंने कार्य किया था।

स्टीफन हॉकिंग को अपने किये गए कार्यो के लिए कई सम्मान और पुरस्कार मिले थे। स्टीफन ने अपने पूरे कैरियर में कुल 13 मानद डिग्रीयां प्राप्त की थी। वर्ष 1966 में स्टीफन को एडम्स पुरस्कार दिया गया था। वर्ष 1978 में हॉकिंग को अल्बर्ट आइंस्टीन मैडल से सम्मानित किया गया था। वर्ष 1988 में हॉकिंग को वुल्फ पुरस्कार से भी नवाजा गया था।

हॉकिंग ने अपने जीवन में कई शोध किये थे। उनके शोध और कार्य ब्रह्माण्ड से सम्बंधित थे। उनके एक शोध के अनुसार स्पेस और टाइम ब्रह्माण्ड के जन्म से है। ब्लैक होल में इनका अस्तित्व खत्म हो जाता है। स्टीफन हॉकिंग ने आइंस्टीन की “थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी” पर भी काफी शोध किया। ब्लैक होल का कांसेप्ट हॉकिंग ने बहुत अच्छे तरीके से समझाया। क्वांटम थ्योरी पर भी हॉकिंग ने शोधकार्य किया था। स्टीफन हॉकिंग ने शोध करके बताया था कि ब्लैक होल से रेडिएशन निकलती है। इसे हॉकिन्स रेडिएशन कहते है।

स्टीफन हॉकिंग पुस्तके Stephen Hawking In Hindi –

हॉकिंग ने अपने पूरे जीवन मे कई पुस्तके लिखी थी। 1988 में लिखी गयी “ऐ ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम” नामक पुस्तक में पृथ्वी की उत्पत्ति की थ्योरी बिग बैंग और ब्लैक होल को समझाया था। “ब्लैक होल एंड बेबी यूनिवर्स” पुस्तक स्टीफन हॉकिंग ने 1993 में लिखी थी। इस पुस्तक में हॉकिंग ने विस्तारपूर्वक बताया था। हॉकिंग के द्वारा लिखी गयी एक और पुस्तक “द यूनिवर्स इन ए नटशेल” भी काफी प्रसिद्ध है। इसके अलावा “द ग्रेट डिज़ाइन” नामक पुस्तक भी काफी सफल और मशहूर है।

स्टीफन हॉकिंग को भगवान में यकीन नही था यानीकि वो नास्तिक थे। स्टीफन हॉकिंग ने अपने जीवन के करीब 53 साल व्हीलचेयर पर गुजारे थे। डॉक्टर्स ने बीमारी का पता लगने पर कहा था कि वो कुछ ही साल जिंदा रह पाएंगे। यह उनका जज्बा ही था कि वो लाइलाज बीमारी के बावजूद इतने साल जिंदा रहे। हॉकिंग 76 साल की उम्र में 14 मार्च 2018 को दुनिया छोड़कर चले गए। स्टीफन हॉकिंग पर हॉलीवुड में एक बेहतरीन मूवी बन चुकी है जिसका नाम द थ्योरी ऑफ एवरीथिंग था।

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