सेज के पत्ते और पौधे के बारे में यह पोस्ट Sage Plant Leaves And Herb Information In Hindi आधारित है। इसके पत्तों का उपयोग औषधि और खाना बनाने में किया जाता है। सेज के पौधे की खेती भी भरपूर की जाती है। भारत देश में सेज पत्तों का इस्तेमाल मसालों के साथ किया जाता है। सेज पौधे की खेती के विषय में भी संक्षिप्त परिचय देने का पूरा प्रयास इस आर्टिकल “Sage Tree And Leaf Information In Hindi” में किया गया है।
सेज का पौधा की जानकारी – Sage Plant In Hindi
1. सेज (Sage) एक सुगन्धित और औषधीय गुणों वाला पौधा है जो झाड़ी के रूप में उगता है। यह एक सदाबहार पौधा है जो भूमध्यसागरीय क्षेत्र का मूल निवासी है।
2. मिंट की प्रजाति का यह पौधा दुनियाभर में उगाया जाता है। मिंट की फैमिली में तुलसी, अजवाइन, मेहंदी इत्यादि पौधे आते है। औषधीय गुणों के कारण सेज के पौधे की व्यवसायिक खेती की जाती है। एशिया, यूरोप, अफ्रीका, अमेरिका जैसे महाद्वीपों में इस पौधे की खेती की जाती है।
3. सेज के पौधे की कई प्रजातियां दुनियाभर में पायी जाती है। एक अनुमान के मुताबिक करीब 800 प्रजातियां इस पौधे की मौजूद है।
4. कॉमन गार्डन सेज, पर्पल सेज, बुश सेज, अमेरिकन सेज, ब्लैक सेज, गोल्डन सेज इत्यादि दुनियाभर में मिलने वाले मुख्य सेज प्रजाति है। इनमें से गार्डन सेज का उपयोग अत्यधिक किया जाता है। व्यंजनों में मसालें के रूप में, चाय बनाने में इत्यादि कई प्रकार से गार्डन सेज का इस्तेमाल होता है।
5. सेज के पौधों पर प्रजाति के प्रकार के आधार पर फूलों का रंग होता है। ज्यादातर सेज के पौधों पर बैंगनी या नीले रंग के फूल आते है। कुछ सेज पर सफेद, पीले, लाल रंग के भी फूल आते है। यहां तक कि कुछ सेज प्रजातियों पर लैवेंडर की भांति के फूल आते है।
6. सेज के फूलों पर नर और मादा दोनों प्रजनन अंग होते है। परागण का कार्य मुख्यतः मधुमक्खी के द्वारा होता है।
7. दोस्तों आपके ज्ञान के लिए बता देते है कि सेज का वानस्पतिक नाम “Salvia Officinalis” है। यह नाम लैटिन भाषा के शब्द “Salvare” से लिया गया है जिसका अर्थ बचाना होता है।
सेज पौधे की पत्तियां – Sage Leaves Information In Hindi
8. सेज (Sage) छोटे आकार का झाड़ीनुमा पौधा है। इस पौधे की ऊंचाई करीब 2 फुट तक बढ़ती है। कुछ प्रजाति के सेज पौधे करीब 5 फुट तक भी बढ़ते है। इस पौधे की पत्तियां लम्बी होती है। पत्तियों का रंग हल्का हरा होता है।
9. भारतीय व्यंजन का स्वाद बढ़ाने में मसालों का योगदान मुख्य है। सेज पत्ता भी मसालों की श्रेणी में ही आता है। इसका स्वाद मिर्च की तरह तीखा होता है।
10. सेज की पत्तियां मुख्यतः दो प्रकार से उपयोग में आती है। पत्तियों को सुखाकर या ताजा उपयोग में लिया जाता है। पत्तियों से तेल या अर्क निकालकर भी सेज का उपयोग किया जाता है। ताजा पत्तियों का इस्तेमाल चाय बनाने में करते है जबकि सुखी पत्तियों का मुख्य उपयोग मसालें के रूप में होता है।
11. सेज पत्ता में कई प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते है। प्रोटीन, वसा के अलावा कई प्रकार के मिनरल्स भी सेज पत्तों में होते है। मिनरल्स में मुख्यतः मैग्नीशियम, कैल्शियम, पोटैशियम, जिंक इत्यादि आते है। आयरन भी सेज की पत्तियों में भरपूर होता है। विटामिन बी और सी भी सेज की पत्तियों में मिलते है।
12. सेज की पत्तियों को आम भाषा में “तेज पत्ता” भी कहा जाता है। भारतीय मसालों में तेज पत्ता का भी उपयोग आम है। इसके इस्तेमाल से व्यंजनों का स्वाद बढ़ जाता है। यही नही सेज के पत्तों से बनी चाय का स्वाद भी जायकेदार होता है।
13. इस पौधे की पत्तियों का उपयोग इत्र बनाने में भी किया जाता है। सौंदर्य प्रसाधन के उत्पादों में भी सेज की पत्तियों का इस्तेमाल होता है। इसके लिए सेज की पत्तियों से अर्क निकाला जाता है। इसी अर्क से इत्र और सौंदर्य उत्पाद बनाये जाते है।
सेज पत्तों के फायदे और लाभ Benefits Of Sage Herb In Hindi
सेज के पत्तों (Sage Leaves) का व्यंजनों के अलावा औषधीय और स्वास्थ्य उपयोग भी है। तो आइए मित्रों सेज पत्तो के फायदे जानते है।
14. प्राचीनकाल से ही सेज की पत्तियों का उपयोग जड़ी बूटियों (Sage Herb) के रूप में किया जा रहा है। आर्युवेदिक गुणों के कारण सेज की पत्तियों की भरपूर मांग होती है।
15. सेज के पत्ते एंटीबायोटिक का भी काम करते है। सेज एक अच्छा एंटीबायोटिक होता है जो बैक्टेरिया इंफेक्शन को दूर करता है। एक बेहतर याददाश्त के लिए भी सेज की जड़ी बूटियों का सेवन अच्छा रहता है।
16. विभिन्न प्रकार के चर्मरोगों में सेज की पत्तियों का हर्बल उपयोग है। दांत के दर्द में, मसूड़ों की सुरक्षा के लिए भी सेज का इस्तेमाल किया जाता है।
17. पाचन में दिक्कत, गैस की समस्या इत्यादि में भी तेजपत्ता का उपयोग होता है। खून की कमी होने पर या रक्त शोधन में भी सेज का इस्तेमाल किया जाता है।
18. सर्दी खांसी जुकाम होने पर तेजपत्ता का बना काढ़ा लाभकारी होता है। सिरदर्द या माइग्रेन की समस्या होने पर तेजपत्ता का पाउडर लेप लगाने से आराम मिलता है। वैसे दोस्तों तेजपत्ता या सेज पत्ता का चिकित्सीय उपयोग डॉक्टर की सलाह से ही करें।
19. सेज के फायदे के कुछ नुकसान भी है। सेज के पत्तो का सेवन नियंत्रित और कम मात्रा में करना चाहिए। सेज की पत्तियों की तासीर गर्म होती है। इससे अधिक सेवन करना स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह होता है।
सेज के पौधे की जानकारी Sage Tree Information
20. सेज के पौधे (Sage Plant) की व्यवसायिक खेती भी पूरी दुनिया में कई जाती है। किसानों के लिए सेज प्लांट की खेती पैसा कमाने का बेहतर जरिया है।
21. सेज का पौधा उगाने के लिए बीजारोपण किया जाता है। कलम विधि के द्वारा भी सेज का पौधा उगाया जा सकता है।
22. कृषि भूमि उपजाऊ होना जरूरी है क्योंकि उपजाऊ मिट्टी में ही सेज का पौधा पनपता है। किसी भी प्रकार के मौसम में सेज की खेती की जा सकती है। वर्षा ऋतु के पूर्व सेज की खेती करना बेहतर माना जाता है। सेज के पौधे को पर्याप्त सूर्य का प्रकाश चाहिए होता है।
23. इस पौधे को सजावट के लिए भी बाग बागीचों में भी लगाया जाता है। दिखने में आकर्षक पत्तियां और सुगंधित खूबसूरत फूल होने के कारण सेज पौधे को घरों के आंगन में लगाते है।
24. सेज के पौधे की औसत आयु करीब 3 वर्ष होती है। वैसे घर के आंगन या बाग बगीचों में संरक्षित करके लगा हुआ सेज का जीवनकाल इससे भी अधिक होता है।
यह भी पढ़े –
Note – इस पोस्ट Sage Plant Information In Hindi में सेज का पौधा, इसके औषधीय लाभ (Sage Herb) और पत्तियों (Sage Leaves In Hindi) के बारे में जानकारी आपको कैसी लगी। यह आर्टिकल “About Sage Tree In Hindi” अच्छा लगा हो तो इसे शेयर भी करे।