ट्रांसफार्मर क्या है? (What Is Transformer In Hindi), ट्रांसफार्मर के प्रकार, संरचना और कार्य के बारे में जानकारी दी गई है। ट्रांसफार्मर एक विद्युत यंत्र है जिसका उपयोग विद्युत धारा के वोल्टेज को कम या ज्यादा नियंत्रित करना होता है। ट्रांसफार्मर क्या है? और ट्रांसफार्मर के कार्य की जानकारी जानने का प्रयास इस लेख में आगे किया गया है।
ट्रांसफार्मर क्या है – What Is Transformer In Hindi
1. ट्रांसफार्मर (Transformer) का आविष्कार माइकल फैराडे और जोसेफ हेनरी ने किया था।
2. ट्रांसफार्मर का कार्य प्रत्यावर्ती धारा (Alternative Current) के वोल्टेज को नियंत्रित करना होता है। इससे विद्युत उपकरण सुचारू रूप से कार्य करते है।
3. विद्युत का वोल्टेज अचानक कम या ज्यादा होता रहता है, इससे विद्युत उपकरण को नुकसान पहुंचता है। टीवी, कंप्यूटर जैसे उपकरण शॉट हो सकते है। ट्रांसफॉर्मर वोल्टेज को नियंत्रित करता है।
4. यह विधुत धारा को एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजने में भी काम आता है।
5. ट्रांसफार्मर (Transformer) फैराडे के विद्युत चुम्बकीय प्रेरण पर कार्य करता है। इसका अर्थ यह है कि एक कुंडली में धारा प्रवाहित करने पर दूसरी कुंडली में भी धारा प्रवाहित होती है। यह चुम्बकीय प्रभाव के कारण होता है।
6. ट्रांसफार्मर केवल प्रत्यावर्ती धारा (Alternating Current, AC) पर ही कार्य करता है। दिष्ट धारा (Direct Current) में ट्रांसफार्मर कार्य नही कर पाता है।
ट्रांसफार्मर के प्रकार – Types Of Transformer In Hindi
1. ट्रांसफार्मर (Transformer) अलग अलग बेस पर विभाजित किये जाते है। वोल्टेज के मुताबिक ट्रांसफार्मर दो प्रकार के होते है। पहला स्टेप अप (Step Up) और दूसरा स्टेप डाउन (Step Down) ट्रांसफार्मर। इनको वोल्टेज बेस ट्रांसफार्मर भी कहते है।
2. स्टेप अप ट्रांसफार्मर वोल्टेज को बढ़ाते है। स्टेप डाउन ट्रांसफार्मर वोल्टेज को कम करते है। कुछ ट्रांसफार्मर में दोनों गुण होते है। विधुत के वोल्टेज के अनुसार ट्रांसफार्मर कार्य करता है।
3. उपयोग के आधार पर Transformer पावर, डिस्ट्रीब्यूशन, मेज़रमेंट, प्रोटेक्शन टाइप के होते है।
4. फेज के अनुसार ट्रांसफार्मर सिंगल फेज और थ्री फेज होते है।
ट्रांसफार्मर की संरचना कैसी होती है?
1. ट्रांसफार्मर (Transformer) में एक मेटल की कोर होती है। यह मेटल की कोर स्टील की लैमिनेटेड प्लेट्स की होती है। इन प्लेट्स के मध्य में एयर गैप होता है। ये स्टील प्लेट्स L या E शेप में होती है।
2. इस कोर पर कॉपर के वायर की 2 कुंडली (Winding) होती है। इनको प्राथमिक (Primary) और द्वितीयक कुंडली (Secondary) कहते है। दोनों वाइंडिंग एक दूसरे से जुड़ी नही होती है।
3. जिस कुंडली में विद्युत इनपुट की जाती है, उसे प्राथमिक कुंडली (Primary Winding) कहते है। जिससे विद्युत आउटपुट होती है, उसे द्वितीयक कुंडली (Secondary Winding) कहते है। दोनों कुंडलियों में कॉपर वायर के फेरे की संख्या अलग होती है। फेरों को संख्या पर ही आउटपुट वोल्टेज निर्भर करता है।
4. सिंगल फेज ट्रांसफार्मर में दो वाइंडिंग होती है जबकि थ्री फेज में कुल 6 वाइंडिंग होती है।
ट्रांसफार्मर का सिद्धांत व उपयोग – Transformer Theory Information In Hindi
1. ट्रांसफार्मर (Transformer) की प्राथमिक कुंडली में विद्युत धारा प्रवाहित होने पर मैटलिक कोर में चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न होता है। इस क्षेत्र के प्रभाव से द्वितीयक कुंडली में EMF बल उत्पन्न होता है। EMF का पूरा नाम “Electromotive Force” (विद्युत वाहक बल) है।
2. मान लेते है कि प्राथमिक कुंडली मे 100 वोल्ट की धारा जाती है। द्वितीयक कुंडली से धारा 15 वोल्ट निकलती है। या इसका उल्टा भी हो सकता है। ट्रांसफार्मर ज्यादा वोल्टेज आने पर उसे कम करता है और कम वोल्टेज आने पर उसे बढ़ा देता है। यह प्राथमिक और द्वितीयक कुंडली के फेरो पर निर्भर होता है। विद्युत धारा का मान समान बना रहता है।
3. Transformer के दैनिक जीवन में कई सारे उपयोग है। टीवी, फ्रिज, रेडियो जैसे उपकरणों में ट्रांसफार्मर यूज़ किया जाता है।
4. वेल्डिंग मशीन में भी ट्रांसफार्मर का उपयोग किया जाता है। विद्युत धारा के हाई वोल्टेज को नियंत्रित करता है।
5. विद्युत धारा के डिस्ट्रीब्यूशन में भी ट्रांसफार्मर का उपयोग किया जाता है।
ट्रांसफार्मर क्या है? What Is Transformer In Hindi, ट्रांसफार्मर की संरचना व ट्रांसफार्मर के प्रकार (Types Of Transformer In Hindi) पर यह आर्टिकल आपको कैसा लगा? यह पोस्ट ट्रांसफार्मर की परिभाषा “Transformer Kya Hai” अच्छी लगी हो तो इसे शेयर भी करे।
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