इस लेख History Of Jahangir In Hindi में मुग़ल बादशाह जहाँगीर का इतिहास और जीवनी (Biography) के बारे में जानकारी है। मुग़ल साम्राज्य का भारत पर सबसे लंबा शासनकाल रहा था। मुग़ल साम्राज्य की नींव बाबर ने रखी थी। बाबर का पुत्र हुमांयू था और हुमांयू का पुत्र बादशाह अकबर था। जहाँगीर बादशाह अकबर के पुत्र थे। इनका पूरा नाम “नूरुद्दीन मोहम्मद सलीम” था बाद में जहाँगीर की उपाधि दी गयी थी। जिसका अर्थ होता है “दुनिया का विजेता”। अब आइये जहाँगीर की जीवनी पढ़ते है।
मुग़ल बादशाह जहाँगीर की जीवनी – Biography Of Jahangir In Hindi
बादशाह अकबर की मृत्यु के बाद जहाँगीर मुग़ल साम्राज्य की गद्दी पर बैठा था। बादशाह जहाँगीर ने सन 1605 से सन 1627 तक 22 वर्षों तक दिल्ली सल्तनत की कमान संभाली थी। जहाँगीर के साथ एक किदवंती भी जुड़ी हुई हैं जो “सलीम अनारकली” के नाम से जानी जाती है। ज्यादातर इतिहासकार इस प्रेम कहानी को काल्पनिक मानते है।
जहाँगीर का जन्म फतेहपुर सीकरी में हुआ था। जहाँगीर बादशाह अकबर के सबसे बड़े पुत्र थे और उनकी माँ मरियम उज्ज जमानी थी। ऐसा माना जाता है कि काफी समय तक भी कोई औलाद ना होने पर अकबर ने “सूफी संत शेख सलीम चिश्ती” के यहां मन्नत मांगी थी। बाद में से उन्हें पुत्र की प्राप्ति हुई थी। इस पुत्र का नाम मोहम्मद सलीम रखा गया था।
अकबर ने सलीम की शिक्षा के लिए अपने दरबार के नवरत्नों में से एक रहीम खानखाना को नियुक्त किया था। बचपन से ही सलीम बहादुर और बुद्धिमान थे। कूटनीति और युद्ध कौशल की शिक्षा अपने पिता से विरासत में मिली थी। मोहम्मद सलीम उर्फ जहाँगीर ने सत्ता के लिए अपने पिता के खिलाफ विद्रोह भी किया था।
जहाँगीर की पहली शादी आमेर के राजा की पुत्री मानबाई से हुई थी। बादशाह जहाँगीर की प्रिय बेगम के रूप में नूरजहाँ प्रसिद्ध है। नूरजहाँ का असली नाम मेहरुन्निसा था और वो पारसी थी। जहाँगीर ने निकाह के बाद उनको नूरजहाँ की उपाधि दी थी।
जहाँगीर के 5 पुत्रों में “खुर्रम, खुसरो, शहरयार, परवेज, जहांदार” थे। इनमे से खुर्रम जहाँगीर का उत्तराधिकारी बना जो आगे चलकर बादशाह शाहजहां के नाम से मशहूर हुआ था। खुसरो ने जहाँगीर के ख़िलाक़ विद्रोह भी किया लेकिन वो जालंधर की लड़ाई में हार गया था।
जहाँगीर का इतिहास – History Of Jahangir In Hindi
बादशाह जहाँगीर (Jahangir) को विरासत में अकबर की महान और शक्तिशाली सेना प्राप्त हुई थी। मुग़ल साम्राज्य की गद्दी पर काबिज होने के वक्त साम्राज्य का फैलाव लगभग पूरे भारतवर्ष में हो गया था। विशाल सल्तनत की जिम्मेदारी जहाँगीर को मिली थी। जहाँगीर पर अपने पिता अकबर का अधिक प्रभाव था।
जहाँगीर की शासन प्रणाली में अकबर की झलक मिलती है। राजपूत राजाओं के साथ जहाँगीर का व्यवहार बिल्कुल अपने पिता की तर्ज पर था। अपने पिता की तरह ही वो हर धर्म का सम्मान करते थे। जहाँगीर महत्वकांक्षी राजा था और उसने मुग़ल सल्तनत का विस्तार भी किया था। बादशाह जहाँगीर ने बंगाल को भी जीत लिया जो अकबर के समय मुग़ल साम्राज्य में नही था।
बादशाह जहाँगीर कला प्रेमी राजा थे। उन्हें चित्रकारी करने में काफी रुचि थी। वो अपने दरबार में कलाकारों को उचित सम्मान दिया करते थे। इसके अलावा जहाँगीर को पेड़ पौधों और जीव जंतुओं से काफी लगाव था। वो इनकी चित्रकारी भी करते थे। कई चित्रकारों से इनके चित्र भी बनवाते थे।
जहाँगीर का काल चित्रकला की दृष्टि से स्वर्णकाल था। जहाँगीर ने अपनी आत्मकथा “तुजुक ऐ जहांगीरी” भी लिखी थी। इस आत्मकथा को मोतिबिंद खान ने पूरा किया था। जहाँगीर को इंसाफ पसंद बादशाह भी कहा जाता है। उसने आगरा के किले पर एक न्याय की जंजीर भी बनवाई थी। कोई भी फरियादी इस जंजीर को खींचकर न्याय की गुहार कर सकता था।
बादशाह जहाँगीर (सलीम- अनारकली) की प्रेम कहानी
नूरुद्दीन मोहम्मद सलीम (जहाँगीर) की प्रेम कहानी भी काफी मशहूर है। इतिहास में इसके पुख्ता साक्ष्य तो नही है लेकिन साहित्य में जानकारी जरूर मिलती है। मुगल दरबार की एक कनीज थी जिसका नाम अनारकली था। सलीम को अनारकली से बेहद प्यार था।
इस कहानी में एक ट्विस्ट था जो लगभग हर प्रेम कहानी में मिलता है। सलीम पिता बादशाह अकबर इस प्यार के खिलाफ थे। इस प्रेम कहानी का अंत यह माना जाता है कि अकबर ने अनारकली को दीवार में चुनवा दिया था।
यह काल्पनिक है या फिर वाकई में हकीकत थी, सब इतिहास के गर्भ में है। सलीम अनारकली की इस महान प्रेम कहानी पर हिंदी सिनेमा में मुग़ले आजम नामक मूवी भी बन चुकी है।
जहाँगीर का अंतिम समय और मृत्यु
बादशाह जहाँगीर को शराब और शबाब की लत भी लग गयी थी। वो ज्यादातर समय नशे में डूबे रहते थे। महारानी नूरजहाँ राजपाट का कार्य सम्भालती थी। इसी वक्त जहाँगीर के बेटे खुर्रम ने बगावत भी की थी। जहाँगीर की सेना ने खुर्रम को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था। अंत मे खुर्रम को आत्मसमर्पण करने पर मजबूर होना पड़ा।
बादशाह जहाँगीर अपने अंतिम वक्त में काफी बीमार रहे और सन 1627 में उनकी मृत्यु हो गई। नूरजहाँ ने जहाँगीर का मकबरा भी बनवाया था।
बादशाह जहाँगीर का इतिहास (History Of Jahangir In Hindi) और जहाँगीर का जीवन परिचय (Biography Of Jahangir) आपको कैसा लगा? सलीम उर्फ़ जहांगीर के बारे में कुछ बताना रह गया हो तो हमें कमेंट में जरूर बताना। इस आर्टिकल “Jahangir Information In Hindi” को फेसबुक और ट्विटर पर शेयर भी करे।
Frequently Asked Question About Jahangir:-
Q.1 जहाँगीर के माता और पिता का नाम क्या था?
Ans. माता – मरियम उज़ ज़मानी उर्फ़ जोधाबाई, पिता – अकबर
Q.2 जहाँगीर के कितने पुत्र थे? नाम बताये।
Ans. 5 पुत्र थे जिनके नाम खुर्रम उर्फ़ शाहजहाँ, खुसरो, शहरयार, परवेज और जहांदार
Q.3 न्याय की जंजीर किस मुग़ल शासक ने बनवाई थी?
Ans. जहाँगीर
Q.4 जहाँगीर की पत्नी कौन थी?
Ans. नूरजहाँ उर्फ़ मेहरून निशा, जगत गोसाई
Q.5 मुग़ल काल में शहजादा सलीम के नाम से कौन जाना जाता है?
Ans. जहाँगीर
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