यह पोस्ट बादशाह अकबर का इतिहास History Of Akbar In Hindi और अकबर की जीवनी (Akbar Biography In Hindi) के बारे में है। बादशाह अकबर मुग़ल साम्राज्य के सबसे शक्तिशाली राजा थे। मुग़ल साम्राज्य विश्व इतिहास में एक बड़े और लंबे शासन के लिये जाना जाता है। इस आर्टिकल “History And Information About Akbar In Hindi” में हम केवल बादशाह अकबर का इतिहास और जीवनी जानेंगे।
अकबर की जीवनी Biography Of Akbar In Hindi
बादशाह अकबर (Akbar) मात्र 13 वर्ष की आयु में ही मुग़ल साम्राज्य के बादशाह बन गए थे। अकबर एक महान शासक था जिसमे महानता के काफी गुण थे। बादशाह अकबर निडर, साहसी, बुद्धिमान थे। अकबर को अकबर महान के नाम से भी जाना जाता है। अकबर के समय हिंदुस्तान ने कला और साहित्य में काफी प्रगति की थी। बादशाह अकबर एक उदारवादी शासक थे।
बादशाह अकबर का पूरा नाम अब्दुल फतह जलालुद्दीन मुहम्मद अकबर था। बादशाह अकबर का जन्म 15 अक्टूबर, 1542 को हुआ था। अकबर के पिता का नाम हुमायूं था जो मुग़ल बादशाह बाबर के पुत्र थे। बाबर मुग़ल साम्राज्य के संस्थापक थे। हुमायूं शेरशाह सूरी से युद्ध मे पराजित हुए थे, उसके बाद अकबर का जन्म हुआ था। हुमायु हिंदुस्तान छोड़कर काबुल, अफगानिस्तान आ गए थे। यही पर अकबर का लालन पोषण चाचा अस्करी की देखरेख में हुआ था।
अकबर अनपढ़ थे और इन्हें पढ़ना लिखना नही आता था। बादशाह अकबर ने युद्ध कला बचपन मे सीखी थी। बहादुरी और निडरता अकबर को अपने पिता से विरासत में मिली थी। अकबर की शादी बचपन मे ही रुकैया नामक महिला से हुई थी। यह बादशाह अकबर की पहली शादी थी लेकिन अकबर की पत्नी के रूप में सबसे मशहूर रानी जोधाबाई थी। अकबर और जोधाबाई की प्रेम कहानी इतिहास में मशहूर है। इन दोनों का एक पुत्र हुआ जिनका नाम जहांगीर था। जहाँगीर सलीम के नाम से इतिहास में मशहूर है।
बादशाह अकबर का इतिहास History Of Akbar In Hindi
अकबर के पिता हुमायूं ने शेरशाह सूरी के पुत्र इस्लाम शाह सूरी पर आक्रमण करके उसे पराजित कर दिया। इसके बाद दिल्ली की गद्दी पर हुमायूं का राज हुआ। मुश्किल से 1 साल बाद ही अकबर के पिता हुमायूं की मृत्यु हो गयी। अब दिल्ली सल्तनत की जिम्मेदारी अकबर के कंधे पर आ गयी थी। इस समय अकबर की उम्र केवल 13 वर्ष ही थी। अकबर ने अपने विश्वासपात्र मंत्री बैरम खान की मदद से मुग़ल साम्राज्य को बड़ी कुशलता से चलाया।
बादशाह अकबर (Akbar) ने दिल्ली की सल्तनत को पूरे भारत मे फैलाने का काम किया था। अकबर के समय मुग़ल साम्राज्य दूर दूर तक फैल गया था। अकबर ने अपनी कूटनीति और होशियारी से काफी सारे राज्य जीते थे। बादशाह अकबर किसी भी राज्य पर सीधे आक्रमण नही करते थे। अकबर संधि करके उस राज्य पर अधिकार कर लेते थे। अकबर कूटनीति में इतने माहिर थे कि अगर कोई राज्य सन्धि नही करता था, तो वह उस राज्य की राजकुमारी से शादी करके रिस्तेदारी कर लेते थे।
बादशाह अकबर ने अपने साम्राज्य को फैलाने के लिए कई युद्ध लड़े थे। अकबर ने पंजाब के शासक सिकंदर शाह सूरी से युद्ध लड़कर उसे पराजित किया था। पानीपत के युद्ध मे अकबर ने हेमू को हराया था। अकबर और महाराणा प्रताप के बीच हुआ हल्दी घाटी का युद्ध भी काफी प्रसिद्ध है। अकबर ने राजपूत राजाओं से व्यवहारिक सम्बन्ध भी बनाये थे
अकबर का राज दरबार और निति
बादशाह अकबर (Akbar) अपने समय के विद्वानों, संगीतकारो और साहित्यकारों का काफी सम्मान किया करते थे। अकबर इन कलाकारों और विद्वानों को अपने दरबार मे जगह देते थे। दरबार के इन खास लोगो को नवरत्न कहा जाता था। ये कुल 9 लोग थे जो अपनी कुछ खासियतों के कारण मशहूर थे। इनमे संगीतज्ञ तानसेन और अकबर के खास सलाहकार बीरबल प्रमुख है। इनके अलावा अबुल फजल, मानसिंह, खानखाना, मुल्ला दो प्याजा, टोडरमल, हकीम हुमाम भी इन्ही 9 रत्नों में से थे।
अकबर के शासन के दौरान मिली जुली संस्कृति थी। सभी धर्मों के लोग मिलजुलकर रहते थे। बादशाह अकबर अपने साम्राज्य में धार्मिक एकता बनाये रखते थे। इसी के चलते अकबर ने सभी धर्मों को मिलाकर दीन ऐ इलाही नामक धर्म भी बनाया था। अकबर ने अपने दरबार और सेना में सभी धर्मों के लोगो को समान महत्व दिया था। अकबर ने जजिया नामक कर को समाप्त करके हिन्दू हितों को खुश किया था।
बादशाह अकबर ने शिक्षा के लिए कई विधालयो की स्थापना भी की थी। अकबर को पुस्तके पढ़ने का भी काफी शौक था। इसलिये अकबर ने पुस्तकालय भी खुलवाए थे। अकबर कलाकारों का सम्मान करते थे। उसके दरबार मे कवि, संगीतकार, साहित्यकार अपनी कला का प्रदशन करते थे और अकबर उन्हें पुरुस्कृत किया करते थे।
अकबर बादशाह के बारे में जानकारी
बादशाह अकबर के शासनकाल में प्रमुख नगर फ़तेहपुर सीकरी, आगरा और दिल्ली थे। अकबर के शासनकाल में शिल्पकला और वास्तुकला अपने चरम पर थी। अकबर ने कई ऐतिहासिक इमारतों का निर्माण इन्ही प्रमुख नगरों में करवाया था। मुग़ल काल की वास्तुकला और चित्रकला भारतीय संस्कृति और फ़ारसी संस्कृति का मिला जुला मेल थी। मुग़लकालीन इमारतों ताजमहल और लाल किला में इस कला की झलक मिलती है।
अकबर ने आगरा के किले में दीवाने आम और दीवाने खास का निर्माण भी करवाया। फतेहपुर सीकरी का बुलन्द दरवाजा भी अकबर के शासनकाल में ही बनाया गया था।
भारतीय इतिहास में मुग़ल काल स्वर्णिम काल था। मुग़ल बादशाह अकबर के समय मुग़ल साम्राज्य बहुत शक्तिशाली था। अकबर के पास उस समय की सबसे बड़ी सेना थी। बादशाह अकबर अपनी प्रजा का पूरा ख्याल रखते थे। इसलिये वो इतिहास में उदारवादी राजा के रुप में जाने जाते है।
अबुल फजल ने अकबर की जीवनी अकबरनामा लिखी जिसमे अकबर के जीवन का सारांश है। बादशाह अकबर की मृत्यु 27 अक्टूबर, 1605 में हुई थी। मृत्यु के बाद अकबर को सिकन्दरा, आगरा में दफनाया गया था।
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Achchhi hai sir lekin thoda aur विस्तार जैसे जजिया कर समाप्त, हरम दल से मुक्ति, दीन ए इलाही और बहुत कुछ