मछली एक महत्वपूर्ण भोजन है जो दुनियाभर में लोकप्रिय है। कई प्रकार की भोजन योग्य मछली प्रजातियां है जो खाई जाती है। Catla Fish भी भारतीय प्रायद्वीप में भोजन के रूप में खाये जाने वाली एक लोकप्रिय मछली प्रजाति है। इस फ्रेशवाटर मछली के बारे में रोचक जानकारी लेख “Catla Fish Information In Hindi” में आगे जानने का प्रयास करते है। कतला मछली (Katla Fish) खाने के फायदे और मछलीपालन की जानकारी संक्षिप्त में दी गयी है।
कतला मछली की जानकारी – Catla Fish Information In Hindi
1. कतला मछली पालन भारतीय प्रायद्वीप में मुख्यतः किया जाता है। भारत, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, पाकिस्तान में कतला फिश की फार्मिंग की जाती है। पूरे भारत में यह मछली प्रजाति मिलती है।
2. यह मछली प्रजाति मीठे पानी की फिश है। कतला नदियों या तालाबों में मिलती है। फार्म पोंड बनाकर भी इसकी फार्मिंग होती है।
3. Catla Fish को भाकुर भी कहते है। इंग्लिश में “Gibelion Catla” कहते है। असम, बंगाल, उत्तरप्रदेश, बिहार इत्यादि जगहों पर इसे कतला कहते है लेकिन उड़ीसा में यह भाकुर नाम से जानी जाती है।
4. यह एक तेज बढ़ने वाली मछली है। जो जल्दी ही खाने योग्य बढ़ी हो जाती है। कतला फिश को तैयार होने में 3 से 4 माह का समय लगता है।
5. हर मछली की तरह इसमें भी प्रोटीन और एमिनो एसिड पाये जाते है। मीठे पानी की मछली होने के कारण कतला फिश के नुकसान नही है।
6. कतला भी कार्प फैमिली से ताल्लुक रखती है जिनमें सिल्वर कार्प, मेजर कार्प इत्यादि मछलियां भी आती है। यह मछली जल्दी बढ़ी होती है, यही कारण है कि इस फिश की फार्मिंग बहुत लोकप्रिय है।
7. मानसून के मौसम में कतला मछली अंडे देती है। यही कारण है कि बारिश के सीजन में मछलियों के शिकार पर पाबंदी रहती है। इसलिये इस समय फिशिंग नही करनी चाहिए।
8. इस मछली से कई प्रकार के व्यंजन बनाये जा सकते है जैसे कि फिश करी। फिश को फ्राई करके भी खाया जा सकता है।
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कटला फिश कैसी दिखती है? Katla Fish
- अमूमन 1 से 2 किलोग्राम तक कतला फिश का वजन रहता है। लेकिन 6 किलोग्राम तक इस मछली का वजन जा सकता है। 1 किलोग्राम तक पहुंचने पर इसे पकड़ लिया जाता है।
- दोस्तों, कतला फिश का शरीर चौड़ा जबकि सिर लम्बा होता है। काला स्लेटी रंग की यह मछली है। इसके किनारों पर सिल्वर रंग होता है।
- कतला के निचले जबड़े के साथ चौड़ा मुंह होता है। अन्य मछलियों की तरह ही फिन होते है जो तैरने में मदद करते है।
कतला मछलीपालन कैसे करें?
- कतला मछली का बीज मार्केट से मिल जाता है। एक टैंक नुमा छोटे पोंड में कतला फिश पाली जा सकती है। टैंक या तालाब का पानी साफ होना चाहिए।
- मछली का भोजन यानिकि फ़ीड शुष्क या गीले पैलेट के रूप में बाजार में मिलता है। यह प्रमुखता से कतला या फिर अन्य किसी भी मछली का मुख्य भोजन है।
- वैसे Catla Fish का सेपरेट पालन करने से अच्छा है मिश्रित मछलीपालन करना। रोहू या मेजर कार्प जैसी मछलियों के साथ कतला फिश का पालन किया जा सकता है।
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कतला मछली खाने के फायदे क्या है? Benefits Of Catla Fish In Hindi
1. इस स्वादिष्ट मछली को खाने के कई फायदे है। क्योंकि कतला में हाई प्रोटीन और एमिनो एसिड रहता है, यही कारण है की यह फिश बहुतायत से खाई जाती है।
2. ओमेगा 3 और 6 फैटी एसिड्स भी कतला में पाए जाते है। विटामिन बी और सी भी इस मछली में होता है।
3. Catla Fish का सेवन करने से हड्डियां मजबूत होती है। दिल को मजबूती प्रदान करता है। त्वचा सबंधित समस्याओं में भी इस सेवन करना अच्छा रहता है।
4. शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए Catla Fish का सेवन अच्छा रहता है। इसलिए मछली को सेहतमंद भोजन माना जाता है।
आपकी जानकारी के लिए बता दु की साल 2021 में करीब 18 किलो वजन की कतला मछली पकड़ी गई थी। बांग्लादेश की पद्मा नदी में यह फिश मिली थी। इतनी बड़ी और भारी कतला फिश मिलना एक रिकॉर्ड है। दोस्तों कतला मछली के फायदे और इससे होने वाली कमाई के कारण कतला फिश का मछलीपालन व्यापक तौर पर भारत में किया जाता है।
में आशा करता हूं की आपको कतला मछली (Katla Fish) के बारे में जानकारी जरूर पसंद आयी होगी। इस लेख Catla Fish Information In Hindi को फेसबुक या ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर जरूर करें, लेख पूरा पढ़ने के लिए धन्यवाद !