बैडमिंटन का इतिहास, नियम Information About Badminton In Hindi

Information About Badminton In Hindi

बैडमिंटन एक रोचक और खूबसूरत खेल है। यह पोस्ट Information About Badminton In Hindi बैडमिंटन खेल का इतिहास, नियम और जानकारी के बारे में है। यह खेल शारीरिक क्षमता को दर्शाने और साबित करने का एक जरिया है। बैडमिंटन पूरी दुनिया में खेला जाता है। भारत में भी यह खेल काफी लोकप्रिय है।

साइना नेहवाल का नाम तो आपने सुना ही होगा जो बैडमिंटन खेल की महारथी है। साइना के अलावा पी. वी. सिंधु भी काफी प्रसिद्ध है। ये दोनों महान बैडमिंटन खिलाड़ी ओलंपिक गेम्स में भारत के लिए मेडल भी ला चुकी है। वैसे बैडमिंटन का खेल टैनिस से काफी मिलता जुलता है।

Badminton ओलंपिक के अलावा भी कई सारे टूर्नामेंट में खेला जाता है। वर्ल्डकप, उबेर कप, ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप इसके प्रमुख टूर्नामेंट है। जैसे क्रिकेट में बैट और बॉल मुख्य होते है, ठीक वैसे ही बैडमिंटन में कॉक और रैकेट मुख्य है। इस पोस्ट में बैडमिंटन खेल का इतिहास (History Of Badminton In Hindi) और इसके नियम “Rules Of Badminton” को जानने का प्रयास है।

बैडमिंटन का इतिहास History Of Badminton In Hindi

बैडमिंटन Badminton खेल का इतिहास ज्यादा पुराना नही है। यह खेल ब्रिटिश शासन के दौरान खेला जाता था। ब्रिटिश अफसर बैडमिंटन से मिलते जुलते खेल को खेला करते थे जिसे शटलकॉक कहा जाता था। इस खेल में कॉक की जगह ऊन से बनी गेंद का उपयोग किया जाता था। यह 1870 के आसपास का समय था। पहले इस खेल को अधिकतम 4 – 4 लोग खेला करते थे लेकिन बाद में इसे सिंगल्स और डबल्स में कर दिया गया।

वर्ष 1934 के आसपास “बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन” की नींव रखी गयी और इस खेल के कई नियम बनाये गए। इस फेडरेशन के संस्थापक सदस्यों में आयरलैंड, फ्रांस, न्यूजीलैंड, स्कॉटलैंड प्रमुख देश थे। वर्ष 1936 में ब्रिटिश भारत भी बैडमिंटन खेल के फेडरेशन का सदस्य बन गया था।

बैडमिंटन खेल एशिया और यूरोप में काफी फेमस है। भारत, चीन, इंडोनेशिया, मलेशिया और दक्षिण कोरिया बैडमिंटन के सिरमौर है। भारत ने बैडमिंटन में कई ओलम्पिक मेडल भी जीते है। साइना नेहवाल, पी. वी. सिंधु, श्रीकांत, पुलेला गोपीचंद भारत के प्रमुख खिलाड़ी है जिन्होंने विश्वस्तर पर अपनी पहचान बनाई है।

बैडमिंटन के बारे में जानकारी Information About Badminton In Hindi

Badminton के खेल में उपयोग आने वाला रैकेट “कार्बन फाइबर” का बना होता है जो कि काफी मजबूत होता है। रैकेट का कार्य कॉक को स्ट्रोक करना है। यह रैकेट काफी हल्का (80 – 90 ग्राम) होता है जिससे खिलाड़ी को सर्विस करने में आसानी होती है। इसकी लंबाई 680 मिलीमीटर और चौड़ाई 230 मिलीमीटर होती है। बैडमिंटन रैकेट अंडाकार है जिसके एक हैंडल होता है। अंडाकार भाग कार्बन फाइबर के धागों से बना होता है जो बेहद मजबूत होते है।

बैडमिंटन में शटलकॉक का इस्तेमाल किया जाता है। कॉक में 16 पंख होते है जो करीब 70 मिलीमीटर लंबे और बराबर होते है। इसको आम भाषा में “चिड़ियां” भी कहा जाता है। बैडमिंटन खेल में महिला और पुरूष दोनों भाग ले सकते है। यह खेल सिंगल्स और डबल्स में खेला जाता है। सिंगल्स में दोनों तरफ 1-1 खिलाड़ी होते है और डबल्स में 2-2 खिलाड़ी होते है।

बैडमिंटन में मिश्रित युगल गेम भी होता है जिसमे पुरुष और महिला खिलाडी दोनों मिलकर खेलते है। किसी भी खेल को खेलने के लिए एक मैदान की आवश्यकता होती है। बैडमिंटन खेलने के लिए भी मैदान की आवश्यकता होती है जिसे “बैडमिंटन कोर्ट” कहा जाता है।

इस कोर्ट के बीच में एक जाली यानीकि नेट लगी होती है जिससे कोर्ट दो बराबर हिस्सो में विभाजित हो जाता है। कोर्ट की लंबाई 13.4 मीटर और चौड़ाई 5.18 मीटर होती है जो डबल्स गेम के दौरान 6.1 मीटर कर दी जाती है। इस खेल में रैली नामक कार्य किया जाता है जो बैडमिंटन का मुख्य आधार है। इसमें दोनों तरफ से खिलाड़ी कॉक को रैकेट से मारकर एक दूसरे की तरफ धकेलते है।

बैडमिंटन खेलने के प्रमुख नियम (Rules Of Badminton)

1. इस खेल में सबसे पहले टॉस किया जाता है। टॉस जितने वाला यह तय करता है कि उसे पहले सर्विस करनी है या नही और किस तरफ से उसे खेलना है।

2. खिलाड़ी अपने रैकेट की सहायता से कॉक को विरोधी खिलाड़ी की और धकेलता है तो इसे सर्विस कहा जाता है। जब कोई खिलाड़ी शटलकॉक को हिट नही कर पाता है तो विरोधी को पॉइंट मिलता है। सर्विस करने वाले को सर्वर और रिसीव करने वाले को रिसीवर कहा जाता है।

3. खिलाड़ी सर्विस दाएं या बाएं कोने से कर सकता है। गेम में दोनों खिलाड़ी एक दूसरे से तिरछे खड़े रहते है।

4. किसी खिलाड़ी के रैली हारने पर सर्विस करने का मौका विरोधी को मिलता है। रैली हारने का कारण फाल्ट होता है।

5. मैच में तीन बार गेम खेला जाता है। जो खिलाड़ी दो बार खेल जीतता है तो उसे विजेता घोषित किया जाता है। हर बार के गेम में खिलाड़ी अपनी साइड बदलता है।

6. बैडमिंटन गेम कुल 21 पॉइंट का होता है। जो खिलाड़ी अधिक पॉइंट्स प्राप्त करता है वो विजेता होता है। अगर गेम 29 पॉइंट तक जाता है तो विजेता का फैसला गोल्डन पॉइंट से किया जाता है।

बैडमिंटन के बारे में जानकारी (Information About Badminton In Hindi) और बैडमिंटन का इतिहास (History Of Badminton) पर यह आर्टिकल आपको कैसा लगा? Rules Of Badminton In Hindi पोस्ट अच्छी लगी हो तो इसे शेयर भी करे। बैडमिंटन खेलने के नियम की जानकारी पर कमेंट बॉक्स में अपने विचारो को प्रकट करे।

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7 thoughts on “बैडमिंटन का इतिहास, नियम Information About Badminton In Hindi”

  1. आपकी पोस्ट बहुत ही अच्छी है। मैंने आपकी पूरी पोस्ट पढ़ी मुझे बहुत ही अच्छा लगा। आप ऐसेही पोस्ट लिखिए।

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  2. खेल के बारे में विस्तृत जानकारी के लिए धन्यवाद

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