बादल पर निबंध About Clouds In Hindi
यह आर्टिकल About Clouds In Hindi बादलों के बारे में है। अमूमन बारिश के दिनों में आसमान में बादल नजर आ जाते है। किसान लोग बारिश के मौसम में बादलों का बेसब्री से इंतेज़ार करते है। बादल पानी से भरे होते है। जब बादल बरसते है, तब इनसे पानी निकलता है। बादलों को मेघ भी कहते है।
Essay On Clouds In Hindi बादल पर निबंध
बादल Clouds पानी की छोटी बूंदों और बर्फ के क्रिस्टल का संघटन होता है। महासागरों और नदियों का जल भाप बनकर आसमान में उड़ता है। सूर्य की अत्यधिक गर्मी के कारण जल भाप में बदल जाता है। यह भापित जल धूल के कणो के साथ मिलकर बादल का रूप ले लेता है। बादलों में जल की छोटी छोटी बूंदे होती है।
बारिश के बादलों को काली घटाए भी कहते है। सूर्य का प्रकाश भी इन घने बादलों के पार नही जा पाता है। जब बादल आसमान को अपनी घटाओं से ढक लेते है, तब मौसम हल्का अंधकारमय हो जाता है। बादल अलग अलग रंगों के होते है। ये काले, लाल, भूरे और सफेद रंग के हो सकते है। जब बादलों पर सूर्य की सीधी रोशनी पड़ती है, तब बादल का रंग सफेद होता है। बारिश के बादल हल्के या गहरे काले होते है। सूर्योदय और सूर्यास्त के समय बादलों का रंग लाल होता है।
Information About Clouds In Hindi बादल की जानकारी
Clouds मुख्यतः चार प्रकार के होते है। पहला प्रकार “सिरस बादल” का होता है। इस प्रकार के बादल आसमान में काफी ऊंचाई पर होते है। ये बर्फ के क्रिस्टल से बनते है। दूसरा प्रकार “क्युमुलस बादलों” का होता है। ये बादल आसमान में काफी कम ऊंचाई पर होते है। तीसरा प्रकार “स्ट्रेट्स बादल” का होता है। ये बादल काफी नीचे होते है। चौथा और अंतिम प्रकार “निम्बो स्ट्रेट्स” बादलों का होता है। ये बादल वर्षा के होते है और काले या भूरे रंग के होते है।
बादल वर्षा के जल को महासागरों से धरती के विभिन्न हिस्सों तक ले जाते है। जहा मर्जी होती है, वहाँ बरसते है। जमीन से बादलों को देखने पर ये छोटे से प्रतीत होते है लेकिन वास्तव में ये आकार में बहुत विशाल होते है। इनकी विशालता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि ये एक पहाड़ जितने बड़े हो सकते है।
बादल का वजन भी कई सौ टन हो सकता है। बादल इतने भारी होने के बावजूद धरती पर क्यों नही गिरते है? इसका मुख्य कारण बादल में मौजूद पानी की बूंदे होती है। ये बूंदे 1 माइक्रोन साइज जितनी छोटी होती है। इतनी ज्यादा वजन में हल्की होने के कारण इन पर ग्रेविटी कार्य नही कर पाती है।
बादल पर निबंध About Clouds In Hindi
किसी भी जगह पर बहुत ही कम वक्त में 4 इंच से भी ज्यादा बारिश हो जाये तो यह बादल फटना कहलाता है।
बादलों Clouds की रफ्तार बहुत तेज होती है। ये एक जगह से दूसरी जगह जाने में ज्यादा समय नही लगाते है। बादलों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने में हवा की दिशा और बहाव सहायक होता है। ऐसा नही है कि बादल केवल पृथ्वी ग्रह पर ही है। ये अन्य ग्रहों पर भी मिलते है लेकिन ये बादल पानी के नही होते है। जैसे शुक्र ग्रह पर पाये जाने वाले बादल सल्फर ऑक्साइड के होते है। दोस्तो आपने बादलों के फटने के बारे में सुना होगा। यह एक प्राकृतिक क्रिया होती है या एक तरह की बहुत भारी बारिश।
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