बार्टर सिस्टम का इतिहास History Of Barter System In Hindi
प्राचीन समय Ancient Time में मुद्राओं का उपयोग नहीं होता था, तो फिर लोग किसी वस्तु को कैसे खरीदते थे? इसके लिए उस समय के लोगो ने एक प्रणाली System विकसित की थी जिससे वस्तुओं का आदान प्रदान किया जाता था। जैसे किसी को खाने पीने की कोई चीज़ खरीदनी होती थी तो वह उस चीज़ के बदले कोई और वस्तु दे दिया करता था। इस सिस्टम को अदला बदली (Exchange) भी कह सकते है। History of currency In Hindi
उस जमाने में नमक, सोना, चांदी, अनाज, जानवर का एक्सचेंज होता था। इन्ही चीज़ों को धन के समान माना जाता था। इस पक्रिया को बार्टर सिस्टम ऑफ़ एक्सचेंज (Barter System Of Exchange) कहा जाता है।
खरीदारी Shopping के इस System में काफी खामी थी और सबसे बड़ी खामी यह थी की दुकानदार (Shopkeeper) वस्तु देते समय तो कमाता ही था और साथ ही लेते समय भी कमाता था और यह भी खामी थी कि जैसे किसी के पास बकरी है और वो घोडा लेना चाहता है। धोड़ा वाला बकरी नहीं खरीदना चाहता लेकिन घोड़ा बेचना चाहता है और बकरी वाला बकरी बेचना नहीं चाहता लेकिन घोड़ा खरीदना चाहता है।
ये सारी समस्याएं इस सिस्टम में थी। इसी कारण ऐसे सिस्टम को विकसित करने की आवश्यकता महसूस हुई जिससे ये सारी समस्याएं दूर हो जाए। इसी कारण मुद्रा Currency का चलन प्रारम्भ हुआ।
दुनिया में सिक्को के चलन का इतिहास History Of Coins In Hindi
सिक्कों के उपयोग से वस्तूओं का लेन देन करने में आसानी होने लगी जिस कारण इनका उपयोग बढ़ता ही गया और ये बहुत जल्द लोकप्रिय हो गये थे।
भारत में सिक्को का इतिहास History Of Indian Coins In Hindi
भारत में सिक्कों Coins का चलन बादशाह शेरशाह सूरी (Sher Shah Suri) (1540 – 1545) ने किया था। ये Silver का सिक्का था जिसको रुपया कहा गया। 1918 से 1959 तक भारत में दो तरह की मुद्रा चलन में थी। एक तो हैदराबादी रुपया (Hyderabadi Rupee) और एक भारतीय रुपया (Indian Rupees) बाद में हैदराबादी रूपये को बंद कर दिया गया और तब से अब तक केवल भारतीय रुपया ही चल रहा है। History of currency In Hindi
इंडोनेशिया में रूपये को रूपिआह कहा जाता है और मालदीव में रूफीयाह कहा जाता है।
आप शायद जानते नहीं होंगे की काफी समय पहले कुवैत,कतर,ओमन,बहरीन,यूएई,यूगांडा,केन्या जैसे देशों में भी रूपये का चलन था।
भारत विभाजन से पहले के सिक्के – Coins Before Partition Of India In Hindi
विभाजन से पहले भारत में दमड़ी, थैला, टका, पाई, आना, दमन्नी, चवन्नी, अठन्नी और रुपये के सिक्के चलन में थे।
छेद वाला सिक्का Hole Coin Of India In Hindi
यह सिक्का नल में लगने वाले वाशर के समान था जिससे लोग इसका उपयोग वाशर के स्थान पर करने लगे। इस कारण यह सिक्का बहुत जल्द बंद कर दिया गया था।
चमड़े का सिक्का The Leather Coin Of India In Hindi
इतिहास में चमड़े के सिक्के Leather Coin का भी जिक्र है। बादशाह हुमांयू Humayun के समय की बात है, एक बार बादशाह हुमांयू की नाव नदी में डूबने लगी,तो उस समय सक्का नाम के कहार जाति के एक बच्चे ने हुमांयू की जान बचाई, जिससे हुमांयू बहुत खुश हुआ और उस बच्चे को आधे दिन के लिए बादशाह बना दिया था। उस समय चमड़े का सिक्का चलाया गया था।
दुनिया का सबसे वजनदार सिक्का – The World’s Highest Coin
यह पूर्ण रूप से सोने से निर्मित है। इस गोल सिक्के पर कंगारू का चित्र गुदा हुआ है अगर वजन की बात करे तो यह 1000 किलोग्राम भारी है। यह 31.5 इंच के व्यास का है और इसकी मोटाई 4.7 इंच है। बाजार में इसका मूल्य 57 मिलियन डॉलर है।
सबसे मूल्यवान सिक्का – The Most Valuable Coin In Hindi
दुनिया का सबसे मूल्यवान सिक्का 1 सेंट Sent का था जिसको नीलामी में 25 लाख 85 हजार डॉलर में बेचा गया था।
कागजी मुद्रा की शुरुआत कब हुई – History Of Paper Money In Hindi
भारत में कागजी मुद्रा 1 रुपये,2 रुपये,5 रुपये,10 रुपये,20 रूपये,50 रूपये,100 रूपये,500 रूपये और 2000 रूपये के रूप में चलन में है। 8 दिसम्बर 2016 को 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट RBI के द्वारा बन्द कर दिए गए थे जिससे 500 और 2000 रुपये के नए नोट अस्तित्व में आये थे। कुछ समय पहले सन 2013 में प्लास्टिक नोट Plastic Currency भी प्रयोग के तौर पर चलाये गए थे। जयपुर ,शिमला,मैसूर और भुवनेश्वर शहरों में प्लास्टिक नोट चलाये गए थे।
प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान जर्मनी में लकड़ी की मुद्रा भी चलाई गयी थी जो इमरजेंसी उपयोग के लिए थी।
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