वरुण ग्रह सौरमंडल का अंतिम ज्ञात ग्रह है। पहले यह अंतिम नही था क्योंकि प्लूटो को भी ग्रह माना गया था। बाद में प्लूटो को बौने ग्रह की संज्ञा दी गयी जिससे वरुण ग्रह 8 वां अंतिम ग्रह हो गया। यह पोस्ट Information About Neptune Planet In Hindi वरुण ग्रह (Varun Grah In Hindi) की जानकारी पर आधारित है। वरुण ग्रह को अंग्रेजी में Neptune भी कहते है। वरुण ग्रह की विशेषता और ज्ञान इस पोस्ट में है। वरुण ग्रह के बारे में रोचक जानकारी “Neptune Planet Information In Hindi” में देने का पूरा प्रयास है।
वरुण ग्रह के बारे में जानकारी Information About Neptune Planet In Hindi
1. वरुण (Neptune Planet) सूर्य से दूरी पर 8 वां ग्रह है। इसे सौरमण्डल का अंतिम ग्रह भी कहते है।
2. वरुण की सूर्य से दूरी करीब 4.50 अरब किलोमीटर है। सूर्य का प्रकाश वरुण तक 249 मिनट में पहुँचता है। यह पृथ्वी से बहुत दूर स्थित है, इसी कारण यह एक तारे के भांति नजर आता है। इसे दूरबीन की मदद से आसानी से देख सकते है।
3. यह आकार के आधार पर सौरमंडल का चौथा सबसे बड़ा ग्रह है जबकि द्रव्यमान में तीसरा सबसे बड़ा ग्रह है। इस ग्रह का द्रव्यमान पृथ्वी से करीब 17 गुणा ज्यादा है।
4. वरुण ग्रह का रंग नीला है। इस ग्रह की बनावट अरुण ग्रह से काफी मिलती जुलती है। वरुण एक गैसीय ग्रह है। इसके वातावरण में मुख्यतः हाइड्रोजन, हीलियम और मीथेन है। इस ग्रह पर चट्टाने बहुत कम है और गैस ज्यादा है। इसी कारण नेप्च्यून ग्रह को गैसीय दानव भी कहते है।
5. इसको ठंडे ग्रह की श्रेणी में भी रखते है। इस ग्रह का तापमान करीब -200 डिग्री सेल्सियस है। वरुण पर बहुत ज्यादा मात्रा में बर्फ मौजूद है। यह बर्फ मीथेन, अमोनिया और पानी की बनी हुई है।
वरुण ग्रह के रोचक तथ्य Facts And Information Of Neptune Planet In Hindi
6. वरुण ग्रह पर आंधी तूफान अक्सर आते रहते है। इस ग्रह पर करीब 2000 किलोमीटर प्रति घण्टा की रफ्तार से हवाएं चलती है।
7. इस ग्रह पर एक वर्ष पृथ्वी के 164 वर्ष के बराबर है। नेप्च्यून ग्रह पर एक दिन पृथ्वी के 16 घण्टे के बराबर होता है।
8. वरुण ग्रह (Neptune Planet) के कुल 14 ज्ञात उपग्रह है। इनमें से सबसे बड़े उपग्रह का नाम ट्राईटन है। बाकी के उपग्रह बहुत छोटे है जिनका कुल द्रव्यमान ट्राईटन से भी आधा है।
9. शनि ग्रह की तरह ही वरुण ग्रह के चारो तरफ वलय रुपी संरचना है। इस ग्रह के चारो तरफ कुल 5 वलय खोजे जा चुके है। ये वलय आसानी से नजर नही आते है क्योंकि इनमें धुंधलापन है। वरुण ग्रह के वलय बर्फ और धूल से मिलकर बने है।
10. महान खगोल वैज्ञानिक गैलीलियो ने भी नेप्च्यून ग्रह को दूरबीन की मदद से देखा था। उन्हीने वरुण ग्रह को एक तारा समझा था।
वरुण ग्रह की खोज कैसे हुई Varun Grah In Hindi
11. वरुण ग्रह की खोज अरुण ग्रह की कक्षा में अनियमितता से हुई थी। वैज्ञानिकों ने देखा कि कोई ग्रह है जो अरुण की कक्षा को प्रभावित करता है। वरुण ग्रह की खोज का श्रेय फ्रांस के खगोलविद ले वेरिएर को प्राप्त है। इंग्लैंड के खगोलविद एडम्स ने भी वरुण ग्रह को खोजा था। दोनों वैज्ञानिकों में इस ग्रह की खोज पर विवाद भी हुआ, बाद में दोनों को Neptune की खोज का श्रेय दिया गया। रोचक बात यह है कि दोनों ने इस ग्रह को नही देखा था केवल गणितीय गणना करके इसका पता लगाया था। इसको ग्रह के रूप में सर्वप्रथम 23 सितंबर, 1846 को दूरबीन से देखा गया था।
12. नासा का वाईजर 2 नामक अंतरिक्ष यान वर्ष 1989 में नेप्च्यून ग्रह के पास जा चुका है। उस यान ने वरुण ग्रह और इसके उपग्रहों की कई तस्वीरें भी भेजी है।
13. वरुण ग्रह (Neptune Planet) का नाम नेप्च्यून समुद्र के यूनानी देवता पर रखा गया है। इसका कारण वरुण का रंग नीला होना है क्योंकि समुद्र का रंग भी नीला है।
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