मछली पानी में रहती है क्योंकि बिना जल के यह मर सकती है। आपको जानकर हैरानी होगी कि दुनिया में एक मछली ऐसी भी होती है जो बिना पानी भी जीवित रह सकती है। इस मछली का नाम Mudskipper Fish है। मडस्किपर एक उभयचर मछली है। यानिकि यह जल और थल दोंनो जगह रहती है। तो आइए जमीन पर चलने वाली मछली मडस्किपर की जानकारी जानने का प्रयास करते है।
मडस्किपर मछली के रोचक तथ्य – Mudskipper Fish Facts In Hindi
1. अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और एशिया में Mudskipper fish पायी जाती है। प्रशांत महासागर, हिन्द महासागर इनके निवास क्षेत्र है। उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में यह जमीन पर चलने वाली मछली मिलती है।
2. इस मछली की करीब 23 जीवित प्रजाति प्रशांत और हिन्द महासागर में पायी जाती है। Giant mudskipper सबसे बड़ी मडस्किपर फिश है। इसकी लम्बाई 22 Cm तक होती है।
3. यह मछली बिना पानी के भी जीवित रह सकती है। इसके नाम “मडस्किपर” से ही स्पष्ट है कि यह दलदल में रेंगने वाली फिश है। mudskipper का अर्थ होता है, “दलदल में रेंगने वाली”।
4. दुनिया की सभी मछलियां जल में पायी जाती है। मडस्किपर ही एकमात्र ऐसी मछली है जो जमीन पर भी जीवित रह सकती है। यह पानी में तैरती भी है और दलदली जमीन पर चलती भी है। इसी विशेष क्षमता के कारण Mudskipper fish प्रसिद्ध है।
5. मडस्किपर पानी से ज्यादा जमीन पर वक्त बिताती है। यहां तक कि अगर यह फिश पानी के अंदर ज्यादा रह जाये तो डूबकर मर भी सकती है। आसान शब्दों में कहे तो मडस्किपर पानी के बाहर ज्यादा खुश रहती है।
6. शरीर पर मौजूद Pectoral fins की सहायता से ही मडस्किपर फिश दलदली जमीन पर रेंगती है। ये पंख इस मछली के शरीर को आगे की तरफ घकेलने का कार्य करते है।
7. चलने के अलावा इस मछली में कूदने का हुनर भी होता है। Mudskipper fish करीब 2 फ़ीट तक हवा में कूद सकती है। इसी शारिरिक क्षमता से यह पत्थर या पौधों पर भी चढ़ सकती है।
मडस्किपर पानी के बाहर कैसे जीवित रह पाती है?
1. आपके मन में यह सवाल उठ रहा होगा कि मडस्किपर पानी के बाहर कैसे जीवित रह पाती है? इसका कारण मडस्किपर के शरीर पर दो थैलीनुमा स्पंज का होना है। जमीन पर आने से पूर्व यह फिश इन थैलियों में पानी भर लेती है। यह पानी गलफड़ों को नम बनाये रखने का कार्य करता है।
2. जब यह फिश जमीन पर होती है, तब उसके गकफड़े, मुंह, गला ड्राई होने लगते है। इन्हें सूखने से बचाने के लिए यह अपनी आंखों को घुमाती है। ऐसा करने से पानी भरी हुई स्पंजनुमा थैली पर दबाव पड़ता है। इस क्रिया से मडस्किपर अपने गले, मुंह और गलफड़े को नम बनाये रखती है। अगर यह इन्हें गीला नही रखे तो मर सकती है।
Mudskipper fish Food, Body, Burrows Information In Hindi
1. मडस्किपर मछली की औसत लम्बाई 7 सेंटीमीटर से 22 से सेंटीमीटर तक होती है। इस फिश का रंग भूरा जबकि रंग में ओलिव टच होता है।
2. इस रोचक फिश के शरीर का शेप टॉरपीडो की तरह लम्बा होता है। इसका लम्बा शरीर भी रेंगने में मदद करता है।
3. यह फिश मांसाहारी होती है। इस मछली का मुख्य भोजन दलदली जमीन पर मिलने वाले कीड़े मकोड़े जैसे छोटे जीव होते है। छोटी फिश, वर्म, इन्सेक्ट इत्यादि भी इसके फ़ूड में शामिल है।
4. Mudskipper fish के सर के ऊपरी भाग में आंखे होती है। ये आंखे आकार में बड़ी, उभरी हुई और मेंढक की तरह प्रतीत होती है। सर पर आंखों की स्थिति इस प्रकार होती है कि मडस्किपर एक ही समय पर पानी की सतह के नीचे और ऊपर देख सकती है।
5. इस फिश के शरीर पर Pectoral Fins होते है। इनके अलावा 2 Dorsal फिन्स भी मडस्किपर के शरीर पर होते है। Mudskipper फिन्स को चलने के लिए बैशाखी की तरह इस्तेमाल करती है।
6. अन्य फिश की तरह ही इसके गलफड़े भी होते है। गलफड़ों की मदद से यह सांस लेती है। मडस्किपर मुंह और गले का उपयोग भी सांस लेने में करती है। इसके शरीर की त्वचा में मौजूद झिल्ली से भी यह फिश सांस लेती है। सांस लेने के अन्य तरीकों के कारण ही मडस्किपर पानी के बाहर सर्वाइव कर पाती है।
7. यह दलदली या गीली मिट्टी में बिल खोदती है। Mudskippers के बिल का शेप V, J या U होता है। यह बिल में इसलिए रहती है कि उसके शरीर का तापमान एक निश्चित सीमा तक रहे। बिल बनाने का दूसरा कारण है कि समुद्री शिकारी जीवों से खुद को सुरक्षित रखना। मडस्किपर इस खोदे गए बिल में ही अंडे देती है।
8. मडस्किपर मछली की एक खास और रोचक बात ओर है कि यह एक प्रादेशिक प्राणी (Territorial Animal) है। यह अपने एरिया के चारों और सीमाएं खिंचती है।
9. क्या Mudskipper Fish को खाया जा सकता है? जवाब है “हां”। ताइवान जैसे कुछ देशों में इस मछली को खाते है। जमीन पर चलने वाली फिश मडस्किपर ज्यादा लोकप्रिय डिश नही है।
10. यह संकटग्रस्त फिश नही है क्योंकि इसकी संख्या में अब तक कोई भी कमी नही आयी है। प्रशान्त और हिन्द महासागर में यह फिश बहुतायत से पायी जाती है। इसकी जमीन पर रहने की क्षमता ने भी मडस्किपर को शिकार से बचाये रखा है।
11. मडस्किपर मछली का जीवनकाल करीब 5 वर्ष तक हो सकता है।
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