ओम का नियम क्या है, सूत्र व जानकारी What Is Ohm’s Law In Hindi
विज्ञान के पाठ्यक्रम में अक्सर विद्यार्थियों को ओम का नियम पढ़ाया जाता है। विद्युत धारा के क्षेत्र में इस नियम की महत्वपूर्ण भूमिका है। ओम का नियम कुछ वस्तुओं के प्रतिरोध को परिभाषित करता है। ओम का नियम किसने दिया और ओम का नियम क्या है (Om Ka Niyam Kya Hai In Hindi)? इन प्रश्नों पर चर्चा करेंगे।
ओम का नियम क्या है What Is Ohm’s Law In Hindi
जर्मन भौतिक शास्त्री जॉर्ज साइमन ओम (George Simon Ohm) ने वर्ष 1827 में ओम का नियम (Ohm’s Law) की खोज की थी। इन्ही महान वैज्ञानिक के नाम पर इस नियम का नाम पड़ा था। साइमन ओम का जन्म जर्मनी में वर्ष 16 मार्च 1789 को हुआ था। ओम के नियम को चालक के प्रतिरोध का नियम भी कहते है। साइमन ओम ने इस नियम से प्रतिरोध, विद्युत धारा और वोल्टेज के मध्य संबंध बताया था। भौतिकी में बिना ओम का नियम पढ़े पढ़ाई पूरी नही मानी जाती है।
Ohm’s Law क्या है
ओम के नियमानुसार किसी भी प्रतिरोध के दोनों सिरों के बीच उत्पन्न हुआ विभवांतर (Potential Difference,V) प्रतिरोध में प्रवाहित धारा (I) के समानुपाती या अनुक्रमानुपति होता है। इसका अर्थ यह है कि अगर प्रवाहित धारा का मान बढ़ाया जाए तो विभवांतर का मान भी बढ़ जायेगा। इसी तरह से अगर धारा का मान घटा दे तो वोल्टेज का मान भी घट जाएगा। विभवांतर को वोल्टेज (Voltage) भी कहते है।
परन्तु ओम के नियम की शर्त यह है कि उस प्रतिरोध की भौतिक अवस्था स्थिर या नियत हो। भौतिक अवस्थाओं में तापमान, दाब, लंबाई इत्यादि आती है। क्योंकि अगर भैतिक अवस्थाएं स्थिर नही है जैसे कि तापमान में स्थिरता नही है तो ओम का नियम फैल हो जाता है।
इस सूत्र के प्रयोग में प्रतिरोध (R) किसी बंद विद्युत परिपथ में लगा होता है। यह विद्युत परिपथ DC (Direct Current) होता है। विद्युत धारा (I) और वोल्टेज (V) के मध्य X और Y axis पर ग्राफ ड्रा करने पर एक सरल रेखा प्राप्त होती है।
तो दोस्तों आपने जाना कि ओम का नियम क्या है (What Is Ohm’s Law In Hindi)? अब ओम का नियम का सूत्र पर चर्चा करते है।
ओम का नियम का सूत्र Ohm’s Law Formula In Hindi
V∝I , इसमें समानुपाती (∝) का चिन्ह हटा दे तो R एक नियतांक लगता है।
V = IR , R (Constant)
R = V/I
इस सूत्र में V = Voltage या Potential Difference
I = विद्युत धारा, R = प्रतिरोध (Resistance)
प्रतिरोध का SI यूनिट में मात्रक ओम (Ω) होता है। वोल्टेज का मात्रक वोल्ट होता है जबकि विद्युत धारा का मात्रक एम्पियर (A) होता है।
ओम का नियम (Ohm’s Law In Hindi) से निम्न सूत्र प्रतिपादित किये जाते है –
V = I×R
I = V/R
R = V/I
इन सूत्रों की मदद से प्रतिरोध (R), वोल्टेज (V) और विद्युत धारा (I) का मान निकाला जा सकता है।
दोस्तों आपने जाना कि ओम का नियम क्या है (Om Ka Niyam Kya Hai)?, ओम के नियम का सूत्र क्या है?
ओम का नियम विद्युत धारा (I), वोल्टेज (V) और प्रतिरोध (R) के बारे में बताता है। तो आइए जानते है कि ये तीनो क्या होते है –
- विद्युत धारा (Electric Current) – किसी भी चालक में आवेश प्रवाह की दर को विद्युत धारा कहते है। इसे एम्पियर (A) में मापा जाता है।
- वोल्टेज (Voltage) – किसी विद्युत परिपथ में किन्ही दो बिन्दुओ के मध्य लगने वाला बल वोल्टेज कहलाता है। दो बिन्दुओ के मध्य Potential Difference (विभवांतर) अर्थात विभवों में अंतर होता है। इस अंतर के कारण एक बल पैदा होता है जो परिपथ में विद्युत प्रवाह का जिम्मेदार होता है।
- प्रतिरोध (Resistance) – प्रतिरोध चालक प्रदार्थ का विरोधी गुण होता है। यह गुण चालक में विद्युत प्रवाह का विरोध करता है।
ओम का नियम Om Ka Niyam Kya Hai In Hindi
ओम का नियम (Ohm’s Law In Hindi) कुछ वस्तुओं के प्रतिरोध को ही बताता है। जिन वस्तुओं या चालक के प्रतिरोध पर Ohm Law लागू होता है, उन्हें ओमीय चालक कहते है। अगर चालक में विकृति पैदा हो जाये यो ओम का नियम लागू नही होगा। यह नियम केवल धातु चालक पर ही प्रभावी होता है। उदाहरण के तौर पर डायोड एक अओमीय चालक है जिस पर Ohm’s Law साबित नही होता है।
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Note – इस पोस्ट What Is Ohm’s Law In Hindi में ओम का नियम क्या है (Om Ka Niyam Kya Hai In Hindi), ओम का नियम का सूत्र (Ohm’s Law Formula In Hindi) और सामान्य जानकारी आपको कैसी लगी। यह आर्टिकल “Ohm’s Law Kya Hai” अच्छा लगा हो तो इसे फेसबुक और ट्विटर पर शेयर जरूर करे।