मेरे प्यारे दोस्तों, Thirsty Crow Story In Hindi With Moral प्यासा कौवा की कहानी है जिसने चतुराई के दम पर अपनी प्यास बुझाई थी। बड़े लोगो ने अपने बचपन में इस कहानी को पढ़ा होगा। अगर आप बच्चें है और आपने प्यासा कौवा की कहानी नही पढ़ी है। रोमांचक और नैतिकता की सीख देने वाली कहानियां किसे पसंद नही है। खासकर बच्चों को कहानियां पढ़ने का शौक होता है। तो आइये दोस्तों, प्यासा कौवा की कहानी हिंदी में (Pyasa Kauwa Ki Kahani In Hindi) और आसान भाषा में पढ़ते है।
प्यासा कौवा की कहानी Thirsty Crow Story In Hindi With Moral
एक बार एक समय की बात है। एक कौवा था जो बहुत चतुर था। वो मुश्किल वक्त में भी अपनी बुद्धिमानी से हर समस्या का हल निकाल लेता था। उसकी चतुराई की कहानियों में से एक यह कहानी “Story Of Thirsty Crow In Hindi” है।
एक दिन की बात है, सूरज चाचा बहुत ही जोश में थे। गर्मी की तेज तपिश थी। गर्मी के कारण कौवे को पानी की तेज प्यास लगी। पानी की कमी के कारण उसका गला सुख गया था। प्यास के कारण कौवे का हाल बेहाल था। अगर उसे जल्दी ही पानी ना मिले तो उसके प्राण जा सकते थे।
इसलिए पानी की तलाश में कौवा निकल पड़ा। बहुत देर तक इधर उधर भटकने के बाद उसे पानी का एक घड़ा (मटका) दिखाई देता है। पानी का घड़ा देखकर प्यासा कौवा मन ही मन बहुत खुश होता है। वो उड़कर उस घड़े के पास जाता है और पानी पीने के लिए घड़े में अपनी चोंच डालता है।
लेकिन यह क्या? दोस्तों, प्यासा कौवा पानी नही पी सका। क्योंकि घड़े में पानी बहुत कम था। इस कारण कौवे की चोंच पानी तक नही पहुंच पा रही थी। उसने बार बार पानी पीने का प्रयास किया लेकिन सफल नही हो सका।
कौवा प्यासा था। बहुत देर तक उड़ने के कारण वह बुरी तरह से थक भी गया था। थकान के कारण उसकी पानी की प्यास काफी बढ़ चुकी थी। कौवा थक हारकर बैठ जाता है और कुछ सोचता है।
थोड़ी देर सोचने के बाद कौवे ने इधर उधर नजर दौड़ाई। तो उसे पास ही पड़ा कंकरों का एक ढेर दिखाई दिया। कंकर देखकर चतुर कौवे को एक उपाय सुझा। उसने बिना समय गवाएं अपने उपाय पर काम किया।
प्यासे कौवे की कहानी Pyasa Kauwa Ki Kahani In Hindi
उसने अपनी चोंच से एक कंकर उठाया और उस घड़े में डाल दिया। इसी तरह से वो एक एक करके कंकर उठाता और घड़े में डाल देता है।
बहुत सारे कंकर घड़े में डालने से पानी ऊपर आ जाता है। पानी देखकर कौवा बहुत खुश होता है। इसके बाद कौवा खूब सारा पानी पीकर अपनी प्यास बुझाता है। पानी पीकर कौवा अपने घोंसले की तरफ उड़ जाता है। इस तरह से प्यासे कौवे की कहानी “Thirsty Crow Story In Hindi” का सुखद अंत होता है।
इस कहानी में प्यासे कौवे ने विपरीत परिस्थितियों में भी हार नही मानी थी। धैर्य रखकर कौवा अपनी बुद्धि और सूझबूझ के बल पर पानी पीता है।
तो मेरे प्यारे दोस्तों, प्यासा कौवा की कहानी से आपको क्या सीख मिलती है? इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि कठिन समय में भी धैर्य, बुद्धि और सूझबूझ से हर समस्या का निवारण हो सकता है। वो कहते है ना कि कोशिश करने वालों की कभी हार नही होती है।
इस कहानी से हमें एक और सीख मिलती है। हर समस्या का समाधान हमारे सामने ही होता है लेकिन हम उसे देख नही पाते है। अगर धैर्य रखकर थोड़ी सी सूझबूझ दिखाई जाए तो हमें समाधान मिल सकता है। इसलिए दोस्तों जीवन में कभी भी हार नही माननी चाहिए।
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