सूर्य ग्रहण क्या होता है (What Is Solar Eclipse In Hindi)? सूर्य ग्रहण क्यों और कैसे होता है? और सूर्य ग्रहण की सामान्य जानकारी, इन सारे प्रश्नों के उत्तर इस पोस्ट “Surya Grahan Kya Hota Hai” में देने का पूरा प्रयास है। विभिन्न धर्मों में सूर्यग्रहण को लेकर कई भ्रांतियां भी फैली हुई है। पुराने जमाने में जब इंसान सूर्य ग्रहण देखता था तो अचंभित रह जाता था। परंतु आज हम सूर्यग्रहण का विज्ञान जानते है। तो आइये दोस्तों सूर्य ग्रहण के बारे में सामान्य जानकारी लेने का प्रयास करते है।
सूर्य ग्रहण क्या होता है What Is Solar Eclipse In Hindi
दोस्तों जब पृथ्वी का एकमात्र उपग्रह चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है। तब सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) का अद्भुत नजारा देखने को मिलता है। चंद्रमा सूर्य को पूर्णत या आंशिक रूप से ढक लेता है। पृथ्वी से देखने पर हमें सूर्य पर काली छाया दिखाई देती है। एक तरह से कहे तो चन्द्रमा की छाया पृथ्वी पर पड़ती है। दिन में भी अंधकार छा जाता है। सूर्य ग्रहण के समय सूर्य, चन्द्रमा और पृथ्वी एक सीध में होते है।
पृथ्वी पर पूर्ण सूर्यग्रहण केवल विशेष क्षेत्र तक ही सीमित रहता है। बाकी के क्षेत्रों में आंशिक तौर पर सूर्य ग्रहण दिखाई पड़ता है।
सूर्य ग्रहण के समय अचानक से दिन का तापमान गिर जाता है। ग्रहण के समय अंधेरा छा जाता है। सूर्यग्रहण को अंग्रेजी में “Eclipse” कहते है जो कि एक ग्रीक शब्द है। इस शब्द का अर्थ “पतन” होता है।
खगोलविदों के अनुसार प्रत्येक 18 वर्ष की अवधि में करीब 41 सूर्यग्रहण होते है। जबकि 1 वर्ष की समयावधि में ज्यादा से ज्यादा 5 सूर्यग्रहण हो सकते है। परन्तु एक वर्ष में कम से कम दो सूर्यग्रहण तो होते ही है। किसी क्षेत्र विशेष में पूर्ण सूर्यग्रहण की अवधि मात्र 7.5 मिनट तक ही होती है।
सूर्य ग्रहण क्यों और कैसे होता है Surya Grahan Kaise Hota Hai
विज्ञान की खोजों से यह साबित हो चुका है कि पृथ्वी, सूर्य का चक्कर लगाती है। जबकि चन्द्रमा पृथ्वी का चक्कर लगाता है। इस दौरान कभी कभी चांद सूर्य और पृथ्वी के बीच आकर सूरज की रोशनी ढक लेता है। यही कारण है की सूर्य पर ग्रहण लगता है।
पूर्ण सूर्यग्रहण केवल अमावस्या को ही होता है। नंगी आंखों से सूर्य ग्रहण नही देखना चाहिए। सूर्यग्रहण देखने के लिए खास प्रकार के सोलर ग्लासेस का उपयोग करना चाहिए। नंगी आंखों से ग्रहण देखने पर सूर्य की पराबैंगनी किरणे आंखों को नुकसान पहुंचा सकती है।
सूर्य ग्रहण के प्रकार Types Of Solar Eclipse In Hindi
What Is Solar Eclipse In Hindi – सूर्य ग्रहण मुख्यतः तीन प्रकार का होता है।
पूर्ण सूर्य ग्रहण (Total Solar Eclipse) –
जब चन्द्रमा सूर्य को पूर्णत ढक लेता है, तब इस प्रकार का ग्रहण होता है। इस सूर्य ग्रहण के समय सूर्य के किनारों पर लाल रंग की ज्वालायें दिखाई पड़ती है। इन ज्वालाओं को कोरोना कहते है। पूर्ण सूर्यग्रहण के समय सूर्य अंधकार में चला जाता है। यह अद्भुत नजारा एक जलती हुई रिंग के भांति दिखाई देता है। इस सूर्यग्रहण को रिंग ऑफ द फायर भी कहते है। इस पूर्ण सूर्यग्रहण को खग्रास भी कहते है। पृथ्वी के उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों पर पूर्ण सूर्यग्रहण नही देखा जा सकता है।
आंशिक सूर्य ग्रहण (Partial Solar Eclipse) –
आंशिक तौर के सूर्यग्रहण में सूर्य का कुछ भाग ही ग्रहण में होता है। आंशिक सूर्यग्रहण में चंद्रमा, सूर्य को पूर्णत ढक नही पाता है। ज्योतिष में इसे खण्डग्रास सूर्यग्रहण कहते है। पृथ्वी के ध्रुवों पर आंशिक सूर्य ग्रहण ही देखा जा सकता है।
वलयाकार सूर्य ग्रहण (Annular Solar Eclipse) –
वलयाकार सूर्य ग्रहण तब होता है जब चन्द्रमा पृथ्वी से काफी दूर रहते हुए सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुजरता है। इस ग्रहण में सूर्य कंगन या वलय की भांति दिखाई पड़ता है। चन्द्रमा सूर्य के केवल मध्य भाग को ही गर्हित कर पाता है।
सूर्य ग्रहण की जानकारी Surya Grahan In Hindi
दुनियाभर में सूर्य ग्रहण को लेकर कई तरह के अंधविश्वास भी है। तरह तरह की भ्रांतियां सूर्यग्रहण को लेकर फैली हुई है। भारत में ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहण के वक्त दान पुण्य करना चाहिए। ज्योतिष के मुताबिक ग्रहण पृथ्वी पर मौजूद किसी भी जीव के लिए शुभ नही होता है। इंसान और जानवर दोनों पर सूर्य ग्रहण का प्रभाव पड़ता है। सूर्यग्रहण के वक्त मंदिरों को बंद कर दिया जाता है। गर्भवती महिलाओं को घर के अंदर रहने की सलाह दी जाती है।
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What Is Solar Eclipse In Hindi – दोस्तों, सूर्यग्रहण एक खगोलीय घटना है जिसका एक वैध वैज्ञानिक कारण होता है। सूर्यग्रहण क्या होता है (Surya Grahan Kya Hota Hai)? सूर्य ग्रहण क्यों और कैसे होता है (Surya Grahan Kaise Hota Hai)? और सूर्यग्रहण के प्रकार, इन सारे सवालों के जवाब आपको मिल गए होंगे।