यह पोस्ट Biography And History Of Babar In Hindi बाबर का जीवन परिचय इतिहास पर आधारित है। बादशाह बाबर भारत पर राज करने वाला प्रथम मुग़ल बादशाह था। ऐसा कह सकते है कि बाबर ने ही मुग़ल साम्राज्य की नींव डाली थी। बाबर के बाद मुग़लो का राज करीब 300 वर्षो तक रहा। बाबर महत्वकांक्षी और कुशल योद्धा था। उसने अपनी बहादुरी और बुद्धिमत्ता से विशाल मुग़ल साम्राज्य की नींव रखी थी। तो आइए दोस्तो, मुग़ल बादशाह बाबर की जीवनी और इतिहास के बारे में जानने का प्रयास करते है।
बाबर का जीवन परिचय Biography Of Babar In Hindi
मुग़ल बादशाह बाबर (Babar) का जन्म वर्ष 14 फरवरी, 1483 को उब्जेकिस्तान,मध्य एशिया में हुआ था। उनके पिता उमर शेख मिर्ज़ा फरगाना के शासक थे। माता का नाम कुतलुग निगार खानुम था। पिता का वंश तैमूर का था और माँ का वंश चंगेज खान का था।
बाबर का पूरा नाम “जहीर उद दीन मुहम्मद बाबर” था। बाबर के बचपन में ही पिता की मौत हो गई थी। बाबर सबसे बड़ा पुत्र था, इसलिए केवल 11 वर्ष की उम्र में ही सिंहासन पर बैठ गया। शासक बनने के बाद उसके कई विरोधी भी थे, इसलिए बाबर फरगाना राज्य ज्यादा दिन तक सम्भाल नही सका और हार गया। फरगाना राज्य को वापस दिलाने में तुर्को ने उसकी मदद की थी।
मुग़ल बादशाह बाबर ने कुल 11 शादियां की थी। इनमें से माहम बेगम के पुत्र हुमांयू थे। बाबर के चार मुख्य पुत्र (हुमांयू, कामरान मिर्ज़ा, हिन्दल, असकरी) थे जिनमें से हुमांयू आगे चलकर भारत का शासक बना था। बाबर ने हुमांयू को ही मुग़ल साम्राज्य का उत्तराधिकारी बनाया था।
बादशाह बाबर का भारत पर आक्रमण और मुग़ल साम्राज्य का उदय
बाबर (Babar) ने अपने प्रथम बड़े युद्ध में काबुल राज्य को जीता था। भारत पर उस समय इब्राहिम लोदी का शासन था। वर्ष 21 अप्रैल, 1526 की तारीख थी, जब बाबर ने भारत पर निर्णायक हमला किया था। भारत आने का न्योता पंजाब के शासक दौलत खान लौदी ने दिया था। बाबर और इब्राहिम लोदी के बीच पानीपत में प्रथम लड़ाई हुई जिसमें बाबर की जीत हुई थी। उसके बाद भारत देश पर मुग़ल साम्राज्य की शुरुआत हुई।
वेसे इससे पहले बाबर 4 बार भारत पर हमला कर चुका था। आखिर में पानीपत की लड़ाई में उसकी जीत हुई थी। इस युद्ध में मुग़लो की और से तोप और बारूद का इस्तेमाल किया गया था।
मेवाड़ के शासक राणा सांगा से भी बाबर ने युद्ध लड़ा था। खानवा में 17 मार्च, 1526 में हुए इस युद्घ में बाबर की विजय हुई। अफगानों ने इस युद्ध में राणा सांगा का साथ दिया था लेकिन फिर भी राणा सांगा यह युद्ध हार गए। बंगाल और बिहार के अफगान शासकों को वर्ष 1529 में घागरा की लड़ाई में बाबर ने धूल चटाई थी।
बाबर की जीवनी इतिहास History Babar In Hindi
मुग़ल बादशाह बाबर (Babar) की सेना विशाल और शक्तिशाली थी। बाबर एक बुद्धिमान और बहादुर कुशल शासक था। उसने अपने युद्ध कौशल से कई युद्ध जीते थे। बाबर ने उत्तरी भारत, काबुल जैसे बड़े इलाको में शासन किया था।
बाबर अति धार्मिक प्रवर्ति का व्यक्ति नही था। उसने कभी भी लोगो को इस्लाम धर्म अपनाने के लिए बाध्य नही किया। इतिहास में ऐसी कोई घटना नही आती की बाबर ने भारत का इस्लामीकरण करने की कोशिश की थी। उसका एकमात्र लक्ष्य भारत के ज्यादा से ज्यादा हिस्सों को जीतना था।
बाबर ने अपनी आत्मकथा “बाबरनामा” भी लिखी थी। बाबर ने इसे चगताई भाषा में लिखा था। बाद के वर्षों में अब्दुल रहीम खानखाना ने इसका फ़ारसी में अनुवाद किया था। 26 दिसम्बर, 1530 ईसवी में मुग़ल बादशाह बाबर की मृत्यु हुई थी। बाबर का मकबरा काबुल में बना हुआ है। उसकी मौत के बाद हुमांयू मुग़ल साम्राज्य की गद्दी पर बैठा था।
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