ट्रांजिस्टर क्या होता है What Is Transistor In Hindi
इस पोस्ट What Is Transistor In Hindi में ट्रांजिस्टर क्या है (Transistor kya Hai) व ट्रांजिस्टर के कार्य विस्तारपूर्वक बताने का प्रयास है। ट्रांजिस्टर उपकरण के बारे में टेक्निकल या इंजिनीरिंग बन्दे ही जानते है। स्टूडेंट्स के लिए ट्रांजिस्टर क्या है (Transistor Information) और इसका कार्य जानना जरूरी है।
ट्रांजिस्टर क्या है Transistor kya Hai
1. Transistor एक छोटा सा Semiconductor डिवाइस है जो विद्युत को नियंत्रित रखता है। विद्युत धारा को परिपथ में स्टार्ट और स्टॉप करने में ट्रांजिस्टर का कार्य है। कितनी मात्रा में विद्युत धारा परिपथ में बहेगी, इसका निर्धारण भी ट्रांजिस्टर करता है। एक तरह से Transistor स्विच के रूप में काम करता है।
2. ट्रांजिस्टर के परिपथ में तीन टर्मिनल होते है। तीन Semiconductor प्रदार्थ की परतों को मिलाकर ट्रांजिस्टर का निर्माण होता है। Transistor एक डायोड की तरह होता है। इलेक्ट्रिक सिग्नल्स को amplify करने का कार्य ट्रांजिस्टर करता है।
3. विद्युत के वोल्टेज को परिपथ में ले जाने में सक्षम होता है। लगभग सभी प्रकार के विधुत उपकरणों में ट्रांजिस्टर उपयोग किये जाते है। किसी भी प्रकार के विद्युत परिपथ में Transistor अनिवार्य रूप से होता है।
4. ट्रांजिस्टर का आविष्कार जॉन बारडीन, वाल्टर, विलियम शॉकली ने वर्ष 1947 में किया था। इनको इस आविष्कार या खोज के लिए भौतिकी का नोबेल पुरस्कार भी मिला था।
5. कंप्यूटर में ट्रांजिस्टर का उपयोग किया जाता है। इससे पहले कंप्यूटर में वैक्यूम ट्यूब का इस्तेमाल होता था। Transistor के कारण कंप्यूटर की स्पीड बढ़ी है।
ट्रांजिस्टर के कार्य और संरचना Transistor Information In Hindi
6. Transistor सिलिकॉन या जर्मेनियम धातु का बना होता है। इसे n और p अर्धचालक धातु से बनाते है। ट्रांजिस्टर में तीन टर्मिनल होते है। पहला टर्मिनल आधार (Base) कहलाता है। दूसरा और तीसरा टर्मिनल क्रमशः संग्राहक (Collector) और उत्सर्जक (Emitter) कहलाते है। Transistor में दो P-N सन्धि (Joint) बनती है।
7. ट्रांजिस्टर के मुख्यतः दो प्रकार होते है। (Types Of Transistor In Hindi) –
(A.) बाइपोलर ट्रांजिस्टर (Bipolar Transistor, BJT) – ये दो प्रकार के होते है, N-P-N और P-N-P।
- N-P-N (Negative – Positive- Negative) ट्रांजिस्टर में Base टर्मिनल के ऊपर और नीचे Collector, Emitter की दो परते होती है। P प्रदार्थ (Base) के ऊपर और नीचे N प्रदार्थ की परत होती है। NPN ट्रांज़िस्टर में धारा का प्रवाह Emitter से Base की तरफ होता है।
- जबकि P-N-P (Positive – Negative – Positive) ट्रांजिस्टर में N प्रदार्थ (Base) की परत के ऊपर और नीचे P प्रदार्थ की परते लगाई जाती है। इसमें धारा का प्रवाह Base से Emitter की और होता है।
(B.) फील्ड इफ़ेक्ट ट्रांजिस्टर (Field Effect Transistor, FET) – इस Transistor में तीन सिरे होते है। ड्रेन, गेट और सोर्स तीन सिरों के नाम है।
ट्रांजिस्टर की जानकारी Transistor Functions In Hindi
8. Transistor कई प्रकार के विद्युत उपकरणों में उपयोग किये जाते है। इनकी मैन्युफैक्चरिंग सस्ती पड़ती है। ट्रांजिस्टर लंबे समय तक कार्य करते है।
9. यह विद्युत सिग्नल्स को Amplify भी करता है यानी कि बढ़ा देता है। विद्युत धारा के वोल्टेज को भी कुछ हद तक नियंत्रित करता है।
10. आपके स्मार्टफोन या मोबाइल की प्लेट पर भी ट्रांजिस्टर होता है। आपके टेलीविजन के सर्किट में भी Transistor मौजूद होता है।
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