मांगुर मछली के बारे में यह लेख Information About Magur Fish In Hindi है। यह मछली पिछले कुछ वर्षों से भारत में बैन है। मांगुर पर बैन क्यों लगाया गया है? कैटफ़िश प्रजाति की इस मछली की रोचक जानकारी को समाहित करके “Thai Or Desi Mangur Machli” पोस्ट में आगे बताया गया है। अंग्रेजी भाषा में मांगुर को “Walking Catfish” कहा जाता है।
मांगुर मछली की जानकारी – Magur Fish In Hindi
1. मांगुर को Walking Fish भी कहा जाता है। यह मछली मीन पर “Walk” यानिकि चलने की क्षमता रखती है। मांगुर खाने की तलाश में जमीन पर वॉक करती है। इसकी Walk को Wiggling (हिलना डुलना) भी कह सकते है। यह एक जल स्रोत से दूसरे में मूव करती रहती है।
2. इस मछली के शरीर पर अन्य की तरह ही Fins होते है। मांगुर पर खास तरह के Pectoral Fins पाये जाते है जो उसके शरीर के साइड प्लेस पर होते है। इन्ही Fins की मदद से मांगुर Walking करती है। इन फिन्स के अलावा मांगुर पर Pelvic Fin, Anal Fin और Caudal Fin भी पाए जाते है।
3. मांगुर फिश की स्किन ग्रे कलर की होती है। स्किन हल्का whiteness और blackness लिए होती है। इस चिपचिपी, फिसलन वाली पतली स्किन को “Mucus” कहते है। यह परत मांगुर की बाहरी वातावरण से रक्षा करती है।
4. मांगुर मछली पानी के बाहर भी करीब 1 दिन तक जीवित रह सकती है। इसके गिल पानी के बाहर सांस लेने के लिए विशेष होते है। ऑक्सीजन की कम मात्रा होने पर भी मांगुर जीवित रह लेती है।
5. इस मछली के मुख पर डंक जिन्हें अंग्रेजी में “Barbel” भी कहते है, पाये जाते है। Cat के मुंह पर पायी जाने वाली मूंछो की तरह ये डंक होते है। इसलिए मांगुर को कैटफिश प्रजाति भी कहा जाता है। मांगुर को सम्भलकर पकड़ना होता है, लापरवाही से यह डंक भी मार सकती है। मांगुर का डंक दर्दनाक होता है।
6. इन मछलियों का Mating Season वर्षा के दिनों में जुलाई – अगस्त माह के दौरान रहता है। वैसे तो मांगुर का जीवनकाल 1 वर्ष से ज्यादा नही होता है क्योंकि इससे पूर्व ही यह खा ली जाती है। लेकिन अगर इस मछली को पालतू बनाकर रखा जाए तो यह 10 से 15 साल तक भी जीवित रह जाएगी।
मांगुर फिश कहां पायी जाती है? (Mangur Machli Origin)
1. मीठे पानी के जल स्रोंतों (Freshwater) में मांगुर फिश पायी जाती है। खारे पानी (समुद्र) में मांगुर मछली नही पनपती है। यह मछली दक्षिण एशिया में मुख्यत पायी जाती है। भारत, बांग्लादेश इत्यादि देशों में प्रमुखता से खायी जाती है।
2. मांगुर फिश के जल स्रोत तालाब, नदी, कुंवे इत्यादि है। छोटे पोंड बनाकर भी मांगुर पालन किया जाता है।
3. मांगुर मछली का वैज्ञानिक नाम “Clarias Batrachus” है। यह Walking Catfish प्रजाति की है।
थाई और देसी मांगुर मछली क्या है?
1. दोस्तों 2 तरह की मांगुर मछली भारतीय बाजार में मिलती है। एक देसी लोकल मांगुर (Desi Magur) है और दूसरी थाई विदेशी मांगुर (Thai Magur) है। थाई मांगुर का रंग अधिक कालापन लिए होता है जबकि देसी मांगुर का रंग हल्का ब्राउन होता है।
2. थाई मांगुर मछली 3 से 4 माह में ही 2 से 3 किलोग्राम वजन तक की हो जाती है। जबकि देसी मांगुर का वजन 500 ग्राम से ज्यादा नही बढ़ता है। थाई मांगुर का आकार करीब 5 फुट तक बढ़ सकता है जबकि देसी मांगुर ज्यादा से ज्यादा 1 फुट तक ही बढ़ पाती है।
मांगुर मछली क्या खाती है? (Magur Fish Food In HIndi)
1. मांगुर मुख्यतः मांसाहारी मछली है जो जलीय जीवों को खाकर बढ़ती है। यहां तक कि मांगुर जानवरों और इंसानों को भी खा सकती है। इसलिए यह बेहद खतरनाक मछली है। वैसे इस तरह की भयानक मांसाहारी मांगुर को थाई मांगुर कहे तो ज्यादा अच्छा है।
2. देसी मांगुर मांसाहारी तो है लेकिन छोटी जलीय मछलियों को ही खाती है। मांगुर मछली जलीय पौधों को भी खाती है। इसलिए इस मछली को सर्वाहारी कहना ज्यादा उचित होगा। मछली पालन में देसी मांगुर की खुराक मूंगफली तेल से बना केक, राइस ब्रान इत्यादि होते है।
थाई मांगुर मछली भारत में बैन क्यों है? (Thai Magur Banned In India)
1. वर्ष 2000 में थाई मांगुर मछली पर भारत सरकार के द्वारा पूर्णतः प्रतिबंध लगा दिया गया था। इसके पीछे पर्यावरण और मानव सेहत की चिंता व्यक्त थी। स्टडी में यह बात सामने आई है कि मांगुर मछली जलीय पर्यावरण के लिए हानिकारक है।
2. यह मछली अन्य मछलियों को खा जाती है। इससे अन्य मछलियां जल स्रोतों में पनप नही पाती है। इस मछली का मांस खाने से सेहत को भी नुकसान होता है। वर्तमान में थाई मांगुर मछली पालन और बेचने खरीदने पर सख्त मनाही है। लोकल देसी मांगुर मछली पर कोई प्रतिबंध नही है।
3. थाई मांगुर मछली सेहत के लिए नुकसानदेह साबित हो सकती है। इसलिए इसका सेवन नहीं करना चाहिए। इस मछली को खाने से कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी भी हो सकती है। इसके सेवन से मधुमेह होने का भी खतरा है।
4. थाई मांगुर दूषित पानी में भी आसानी से पनप सकती है। दूषित पानी में कई हानिकारक तत्व जैसे कि लेड अधिक मात्रा में होते है। इसलिए थाई मांगुर में लेड की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। ये तत्व मानव शरीर के लिए हानिकारक होते है।
देसी मांगुर मछली खाने से शरीर को कोई नुकसान नही है। देसी मांगुर के कई स्वास्थ्यवर्धक फायदे है। इस मछली में प्रोटीन, आयरन और विटामिन अधिक मात्रा में पाये जाते है।
देसी मांगुर मछली की बाजार में कीमत – Magur Fish Price In HIndi
देसी मांगुर मछली की कीमतों में सीजन के अनुसार उतार चढ़ाव आता रहता है। वैसे इसकी औसत मार्किट प्राइस 150 से 300 रुपये प्रति किलोग्राम होती है। इससे ज्यादा भी हो सकती है।
देसी मांगुर मछली की भारतीय बाजार में भारी मांग रहती है। इसका पालन करके कम लागत में अच्छा खासा मुनाफा कमाया जा सकता है। थाई मांगुर भारत में बैन है तो इसका पालन और बिक्री दोनों प्रतिबंधित है। कई लोग अधिक मुनाफे की लालच में आकर थाई मांगुर पालन करते है। ऐसा नही करना चाहिए, यह पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य दोनों के साथ खिलवाड़ है।
Note – देसी मांगुर मछली और थाई मांगुर फिश के बारे में जानकारी इस लेख Information About Magur Fish In Hindi में आपको कैसी लगी? यह पोस्ट “Thai And Desi Mangur Machli In Hindi” पसंद आयी हो तो इसे फेसबुक और ट्विटर पर शेयर जरूर करे।
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